- अदिति को फ्रंट एंड इंजीनियर का मिला है पद
- फाइनल ईयर की परीक्षा देने के लिए बाद जॉब करेंगी शुरू
- पटना एनआईटी में पढ़ती हैं अदिति
Patna To Facebook: पटना में एनआईटी की छात्रा अदिति को फेसबुक में नौकरी मिली है। अदिति जून में कंपनी ज्वाइन करेंगी। इनको फ्रंट एंड इंजीनियर के रूप में काम करना है। जून से पहले इनकी फाइनल ईयर की परीक्षा है। अदिति के अनुसार, फेसबुक से पहले इन्हें अमेरिकन एक्सप्रेस में नौकरी मिली थी। कंपनी 15 लाख का ही पैकेज दे रही थी, इसलिए उन्होंने मना कर दिया। फिर फेसबुक के करियर पेज के जरिए जॉब के लिए आवेदन किया। दिसंबर में कई राउंड में इंटरव्यू हुए। ऑनलाइन इंटरव्यू में जॉब फाइनल हो गया। अदिति ने बताया कि वह झारखंड के जमशेदपुर की रहने वाली हैं। अभी उनकी ऑनलाइन क्लास चल रही है। फाइनल ईयर की परीक्षा जून में होगी। उनके पिता संजय तिवारी जमशेदपुर में टाटा स्टील में काम करते हैं। मां मधु देवी सरकारी शिक्षिका हैं। भाई एमबीए कर रहे हैं।
एनआईटी के निदेशक प्रो. पीके जैन ने अदिति को बधाई दी है। बताया कि, पटना एनआईटी ने प्लेसमेंट ड्राइव 2021 में सबसे ऊंची छलांग लगाई है। इसमें 150 से अधिक कंपनियों ने छात्रों को 700 से अधिक जॉब ऑफर किए हैं।
पटना की संप्रीति को गूगल से मिला है, 1.11 करोड़ का पैकेज
अदिति से पहले गूगल से पटना की संप्रीति यादव को 1.11 करोड़ रुपए सालाना पैकेज पर नौकरी मिली है। संप्रीति सॉफ्टेवयर इंजीनियर हैं। इनकी पढ़ाई पटना में ही नोट्रेडम एकेडमी से हुई है। इन्होंने 2014 में 10वीं पास की है। तब वो 10 सीजीपीए लाई थी। फिर दिल्ली गईं। वहां इंटरनेशनल स्कूल से 12वीं पास किया। 2016 में जेईई मेंस क्लियर किया। पिछले साल मई में दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस से बीटेक करने के बाद कैंपस सेलेक्शन हुआ। फिलहाल संप्रीति माइक्रोसॉफ्ट कंपनी में 44 लाख सालाना सैलरी पर काम कर रहीं हैं। कैंपस सेलेक्शन के दौरान एडोव, फ्लिप कार्ट और एक्सपेडिया कंपनी से भी ऑफर आए थे।
संप्रीति को बचपन से ही गणित में थी रुचि
संप्रीति के अनुसार, गणित में उनकी गहरी रुचि बचपन से ही रही है। बचपन में ही इंजीनियर बनने का मन बनाया था। इंटर में कंप्यूटर इंजीनियर बनना तय किया। बताया कि हर दिन सात से आठ घंटे पढ़ती थीं। संप्रीति ने बताया कि मां गणित से एमएमसी की हुईं हैं तो हमेशा इनसे मदद मिलती रही। कहा कि नौकरी के लिए गूगल कंपनी ने नौ राउंड में इंटरव्यू लिए। हर राउंड में सभी इंटरव्यूर के संतुष्ट होने पर ही अगले राउंड में जाने का मौका मिलता था। एक-एक इंटरव्यू को अपने जवाब से संतुष्ट करना पड़ता था।