- बिहार में तीन चरणों में होंगे चुनाव, 10 नवंबर को आएंगे नतीजे
- इस बार राज्य में मुख्य मुकाबला एनडीए और महागठबंधन के बीच
- महागठबंधन तेजस्वी और एनडीए नीतीश के नेतृत्व में लड़ रहा है चुनाव
पटना : बिहार में विधानसभा की 243 सीटों के लिए इस बार तीन चरणों 28 अक्टूबर, तीन नवंबर और 7 नवंबर को वोट डाले जाएंगे और चुनाव परिणाम 10 नवंबर को आएंगे। पहले चरण में 28 अक्टूबर को 16 जिलों में 71 सीटों पर वोटिंग, दूसरे चरण में चार नवंबर को 17 जिलों की 94 सीटों पर मतदान और तीसरे चरण में सात नवंबर को 15 जिलों की 78 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। जद-यू 115 सीटों पर चुनाव लड़ रही है और उसने 7 सीटें हम को दी हैं। भाजपा 110 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, उसने 11 सीटें वीआईपी को दी हैं।
सुरक्षा के नए मानकों के तहत हो रहे चुनाव
कोरोना संकट के बीच चुनाव आयोग (ईसी) सुरक्षा के नए मानकों के तहत चुनाव कर रहा है। इस बार राज्य में कुल 7.29 करोड़ अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। चुनाव आयोग के मुताबिक प्रदेश में इस बार 3.79 करोड़ पुरुष और 3.39 करोड़ महिला मतदाता है। कोरोना संकट को देखते हुए ईसी ने इस बार चुनाव का समय एक घंटे बढ़ाया है। मतदान सुबह छह बजे शुरू होकर शाम 6 बजे तक चलेगा।
इस बार महागठबंधन और राजग के बीच मुकाबला
राज्य में उस बार मुख्य मुकाबला एनडीए और महागठबंधन के बीच है। एनडीए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में और महागठबंधन तेजस्वी यादव की अगुवाई में चुनाव लड़ रहा है। चुनाव में तीसरा मोर्चा भी है। इस चुनाव में लोजपा एनडीए से अलग होकर चुनाव लड़ रहा है। राम विलास पासवान के निधन के बाद सभी की नजरें चिराग पासवान के प्रदर्शन पर टिकी हैं। चुनाव में नीतीश कुमार अपने 15 साल के शासन के आधार लोगों से वोट मांग रहे हैं जबकि महागठबंधन रोजगार, भ्रष्टाचार, कोरोना संकट को मुद्दा बनाकर नीतीश कुमार को घेरने में जुटा है।
2015 के विधानसभा चुनाव में राज्य में करीब 6.70 करोड़ मतदाता थे। इस साल राज्य में विधानसभा की 243 सीटों पर 56.9 प्रतिशत मददान हुआ। इन सीटों पर 3341 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे। इस चुनाव में कांग्रेस को 6.7 प्रतिशत वोट के साथ 27 सीटें मिलीं। भाजपा 24.4% वोटों के साथ 53 सीटें, राजद 18.4 प्रतिशत वोटों के साथ 80 सीटें, हिंदुस्तान आवाम मोर्चा 2.3 प्रतिशत वोटों के साथ एक सीट, लोजपा 4.8 प्रतिशत वोटों के साथ 2 सीट, आरएलएसपी दो सीट, सीपीआई मार्क्सवादी लेनिनवादी तीन सीटें, जनता दल यूनाइटेड 16.8 प्रतिशत वोटों के साथ 71 सीटें और अन्य 9.4 प्रतिशत वोटों के साथ 4 सीटें जीतने में सफल रहे।
2010 के विधानसभा चुनाव में राज्य में 5.50 करोड़ से ज्यादा मतदाता थे। विधानसभा की 243 सीटों पर 52.7 प्रतिशत वोट पड़ा। इस चुनाव में 3523 उम्मीदवार मैदान में थे। कांग्रेस को 8.4 प्रतिशत वोट के साथ 4 सीटें, भाजपा को 16.5 फीसदी वोटों के साथ 91 सीटें, सीपीआई को 1.7% वोटों के साथ 1 सीट, राजद को 18.8% वोटों के साथ 22 सीटें, जेडीयू को 22.6 प्रतिशत वोटों के साथ 115 सीटें, अन्य को 13.2% वोटों के साथ 6 सीटें, लोजपा को 6.7% वोटों के साथ तीन सीटें और जेएमएम को 0.6% वोट के साथ एक सीट मिली थी।