- पटना के राजेंद्र नगर इलाके में फंसे निवासियों को निकालने के लिए नावों का इस्तेमाल किया जा रहा है
- एनडीआरएफ के कमांडेंट विजय सिन्हा बताया कि सोमवार से अब तक बुजुर्गों और रोगियों समेत 6000-7000 लोगों को इस एरिया से निकाल जा चुका है
- बारिश और बाढ़ से बिहार में अब तक 40 लोगों की मौत हो चुकी है
पटना : बिहार के कई जिलों में लगातार भारी बारिश (Rain) ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। प्रदेश की राजधानी पटना के अधिकांश इलाके जलमग्न हो गए हैं। बारिश से आई बाढ़ (Flood) में फंसे लोगों को वायुसेना के हेलीकॉप्टर से खाने के पैकेट और अन्य जरूरी सामान मुहैया कराए जा रहे हैं। प्रदेश में तीन दिनों में अब तक 40 लोगों की जान जा चुकी है। राहत और बचाव का कार्य लगातार जारी है।
पटना के राजेंद्र नगर इलाके में फंसे निवासियों को बचाने के लिए नावों का इस्तेमाल किया जा रहा है। एनडीआरएफ के कमांडेंट विजय सिन्हा बताया कि सोमवार से अब तक बुजुर्गों और रोगियों समेत 6000-7000 लोगों को इस एरिया से निकाल जा चुका है। हम अब रिलीफ सामग्री के वितरण पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
एनडीआरएफ की 9वीं बटालियन के कमांडेंट विजय सिन्हा ने सोमवरा को कहा कि 200 से अधिक कर्मी 36 नावों की मदद से पटना के जलभराव वाले इलाकों में फंसे लोगों के बीच राहत सामग्री का वितरण करने के साथ उन्हें जलमग्न इलाके से निकालने में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा राज्य में हमारी 18 टीमें चौबीसों घंटे काम कर रही हैं और अब तक 3,000 से अधिक लोगों को बचाया गया है।
सोमवार को भारी बारिश से प्रभावित और बाढ़ग्रस्त इलाकों की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अधिकारियों से कहा कि वर्षा के बाद जहां जलभराव की स्थिति है, उसकी निकासी का काम तेजी से करें। जहां नदियों के जलस्तर में वृद्धि की स्थिति बनती है, वहां सभी जिलाधिकारी राहत शिविर के लिए जगहों का चयन कर लें और स्थिति से निपटने को पूरी तरह तैयार रहें। नदियों के जलस्तर पर सतत् निगरानी रखी जाय।
सीएम ने कहा कि अधिकारी सामुदायिक रसोई की व्यवस्था सुनिश्चित रखें और जहां जरूरत हो उसकी संख्या बढाएं। दवा की उपलब्धता भी सुनिश्चि की जाए। उन्होंने कहा कि जिले के प्रभारी अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव एवं सचिव संबंधित जिले में जाकर दो-तीन दिन कैंप कर स्थिति की जानकारी लें और किए जा रहे रेस्क्यू ऑपरेशन पर नजर रखें। जिन जिलों में आदर्श आचार संहिता लागू नहीं है, वहां प्रभारी मंत्री भी कैंप करें और रेस्क्यू ऑपरेशन पर नजर रखें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पटना में जहां ट्रैक्टर जाना संभव नहीं हो, वहां खाने के पैकेट का वितरण हेलीकॉप्टर के माध्यम से और ज्यादा मात्रा में कराएं। जहां जाने की सुविधा हो, वहां लोगों को खाने के पैकेट घरों में पहुंचाएं। उन्होंने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में दिन-रात गश्ती काम भी करें ताकि लोगों का मनोबल बढ़ा रहे और असामाजिक तत्वों पर भी कड़ी नजर रखें। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को हरसंभव सहायता उपलब्ध कराकर उनका विश्वास जीतें।
गौर हो कि सोमवार को पटना के राजेंद्र नगर इलाके में जलजमाव के कारण घर में फंसे डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी और उनके परिवार के सदस्यों को तीन दिन बाद नाव से रेस्क्यू किया गया। उधर राजेंद्रनगर में ही रोड नंबर 6 में फंसी मशहूर भोजपुर गायिका शारदा सिन्हा और उनके परिवार के सदस्यों को सुरक्षित उनके आवास से निकाला।
केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान और उनके बेटे चिराग पासवान जलमग्न हो गए पटना में घर के बजाय एक होटल में ठहरे हुए हैं। मधेपुरा के पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने नाव पर सवार होकर राजेंद्रनगर के जलमग्न इलाकों में फंसे लोगों के बीच रुपए और खाद्य सामग्री एवं पेयजल की बोतल वितरित की।