- अरुणाचल प्रदेश में जेडी-यू छोड़ भाजपा में शामिल हुए हैं 6 विधायक
- इस घटनाक्रम पर जेडी-यू ने भारतीय जनता पार्टी पर नाराजगी जताई है
- सियासी मौका देख राजद ने चला दांव, नीतीश को महागठबंधन में आने का न्योता दिया
पटना : बिहार में राजनीतिक हलचल एक बार फिर शुरू हो गई है। अरुणाचल प्रदेश में जनता दल-यूनाइटेड के छह विधायकों के भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के बाद जहां भाजपा एवं जेडीयू के बीच आपसी अनबन की रिपोर्टें आई हैं वहीं, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) मौके की नजाकत भांपते हुए अपना सियासी दांव चलने लगा है। राजद नेता तेजस्वी यादव ने जहां एक ओर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को महागठबंधन में शामिल होने और विपक्ष का नेतृत्व करने की पेशकश की है।
राजद नेता श्याम रजक ने जेडी-यू विधायकों के राजद के संपर्क में होने का दावा किया है। रजक का दावा है कि जेडीयू के 17 विधायक राजद में शामिल होने के लिए तैयार हैं।
रजक का दावा-हमारे संपर्क में हैं जेडी-यू के 17 विधायक
रजक ने कहा, 'जनता दल-यूनाइटेड के 17 विधायक हमारे साथ संपर्क में हैं और वे राजद में किसी भी समय शामिल होने के लिए तैयार हैं। चूंकि हम दल-बदल कानून का उल्लंघन नहीं करना चाहते। इसलिए हमने उनसे कहा है कि जब वे 28 की संख्या में आएंगे तो हम उनका स्वागत करेंगे। इन विधायकों की संख्या जल्द ही 28 हो जाएगी।'
जेडी-यू के 6 विधायक भाजपा में शामिल
बताया जाता है कि अरुणाचल की घटना के बाद जेडी-यू नाराज बताया जा रहा है। पार्टी के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने इस घटनाक्रम पर नाराजगी जाहिर की है। भाजपा और जेडी-यू के बीच खटपट की बात सामने आने पर राजद सियासी फायदा उठाने की कोशिश में है। राजद नेता उदय नारायण चौधरी ने बुधवार को कहा कि नीतीश कुमार को एनडीए छोड़कर महागठबंधन में शामिल हो जाना चाहिए। चौधरी ने नीतीश से तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग भी की।
'छोटी पार्टियों को देखना पसंद नहीं करती भाजपा'
चौधरी ने कहा, 'अकाली दल ने भाजपा को छोड़ दिया है। आरएलपी भी अलग हो चुका है। बड़ी मछली की तरह भाजपा छोटी मछलियों को निगल जाती है। भाजपा अब जेडी-यू और नीतीश कुमार निगलना चाहती है। इसका जीता जागता उदाहरण अरुणाचल प्रदेश में देखने को मिला है जहां भाजपा ने जेडी-यू के छह विधायकों को निगल लिया है। वे क्या संदेश देना चाहते हैं। भाजपा छोटे दलों को पसंद नहीं करती इसलिए वह उनकी पहचान खत्म करना चाहती है।'