नई दिल्ली: बिहार में एक बार फिर नीतीश सरकार बनती दिख रही है। अभी तक आए रुझानों में एनडीए को बहुमत मिलता दिख रहा है, वही महागठबंधन काफी पीछे रह गया है। अभी जहां नीतीश कुमार के नेतृत्व वाला एनडीए गठबंधन अभी 125 से ज्यादा सीटों पर आगे हैं, वहीं तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाला महागठबंधन 100 से ज्यादा सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। ऐसे में कहा जा सकता है कि एनडीए बहुमत के पार है।
इस बीच ये ध्यान देन की जरूरत है कि आखिर बिहार के लोगों ने किन आधारों पर वोट किया। अभी तक के रुझानों के आधार पर कहा जा सकता है कि निम्न बातों ने एनडीए के पक्ष में काम किया है:
- बिहार के लोगों ने डबल इंजन यानी मोदी-नीतीश की जोड़ी पर विश्वास जताया है, जबकि तेजस्वी यादव को नकार दिया है, जिनके लिए पीएम मोदी ने कहा था- जंगलराज का युवराज। यानी कहा जा सकता है कि लोगों के मन से अभी भी लालू राज की कड़वी यादें नहीं गई हैं। तेजस्वी यादव लोगों में वो भरोसा नहीं जता पाए कि वो और आरजेडी अब नई तरह की राजनीति करेगी।
- इस बार नीतीश कुमार को लेकर विरोधी लहर थी, इसके बावजूद वो एक बार फिर सत्ता में आते दिख रहे हैं। ऐसे में कहा जा सकता है कि चुनाव के अंत में उन्होंने जो कार्ड चला वो काम कर गया। उन्होंने इसे अपना अंतिम चुनाव बताया था और कहा था कि अंत भला तो सब भला।
- साथ ही बीजेपी ने जो राष्ट्रवाद का कार्ड खेला, जिसमें आर्टिकल 370, पुलवामा हमला और गलवान घाटी में बिहार के जवानों का शहीद होना शामिल था, वो काम कर गया।
- कोरोना को लेकर नीतीश कुमार पर खूब निशाना साधा गया। लाखों श्रमिक अलग-अलग राज्यों से बिहार लौटे। वे पैदल चले, रास्ते में कइयों की मौत हुई, चारों तरफ अव्यवस्था देखने को मिली। बेरोजगारी में बढ़ोतरी हुई, इसके बावजूद उस तबके ने एनडीए पर ही अपना भरोसा रखा।
- अभी तक आए रुझानों में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभर रही है। वो आरजेडी से भी आगे है, साथ ही वो अपनी साथी जेडीयू से भी काफी आगे है। जबकि दोनों ही दल उससे ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़े थे। ऐसे में कहा जा सकता है कि बीजेपी का ग्राउंड और मजबूत हुआ है। उसे इसका आगामी चुनावों में फायदा मिल सकता है, जो पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, असम और केरल में होने हैं।
- चुनाव से पहले एनडीए का एक प्रमुख दल लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) ने खुद को गठबंधन से अलग कर लिया, लेकिन जीतन राम मांझी हम और VIP ने एनडीए में आकर उस कमी को पूरा कर दिया। एलजेपी अपना प्रभाव छोड़ने में सफल रही है।