- नीति आयोग ने खोली बिहार के स्वास्थ्य दावों की पोल
- नीति आयोग की रिपोर्ट पर मीडिया के सवाल से बचते हुए नजर आए मंगल पांडे
- विपक्ष इस मामले को लेकर लगातार साध रहा है बिहार सरकार पर निशाना
नई दिल्ली: नीति आयोग की एक रिपोर्ट ने बिहार सरकार के स्वास्थ्य दावों की पोल खोल दी है। 36 राज्यों और केंद्र शासिल प्रदेशों की सूची में बिहार सबसे निचले पायदान पर है। रोजाना ट्विटर पर कोरोना वैक्सीन का आंकड़ा गिनवाने वाले बिहार के स्वास्थ्य मंत्री से जब आज इसी को लेकर एक सवाल किया तो वह भागने लगे। उनका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।
भाग गए पांडे जी
पांडे जी भाग लिए । क्या समझे..जवाब नहीं है इसलिए न। क्योंकि कहते हैं कि जवाब नहीं था तो फलनवां मैदान छोड़कर भाग गया। यहां बिहार के स्वास्थ्य मंत्री महोदय के पास जवाब था या नहीं ये तो नहीं कह सकते, लेकिन पांडे जी भाग जरूर गए। ये तो कैमरा ने देखा..और कैमरा तो आईना होता है साहब झूठ नहीं बोल पाता। हैरानी इस बात की है कि इतनी तेजी से निकल लिए मंगल पांडेय जी कि जवान-जवान रिपोर्टर भी झेंप गया । क्यों..क्योंकि..पीछा नहीं कर पाया । पांडे जी ने सबको पीछे कर दिया। खैर पांडे जी भाग गए वो तो आपने देखा लेकिन किस सवाल से भागे..वो सवाल..क्लियर नहीं हुआ होगा तो अब उसे भी क्लियर कर देते हैं।
क्या कहती है नीति आयोग की रिपोर्ट
ये नीति आयोग का डेटा आया है । देश में योजनाओं की प्लानिंग, फेजवाइज इंप्लीमेंटेशन इन सबकी सबसे विश्सनीय संस्था है नीति आयोग। उसी ने राज्यों के हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर पर एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में बिहार टॉप किया । लेकिन इसके लिए आपको रिपोर्ट को उल्टा पढ़ना होगा। क्योंकि बिहार ने नीचले पायदान पर अपनी पहली जगह बनाई । नीचे से टॉप किया। नीतीश जी, तारकेश्वर जी, मंगल पांडे जी का बिहार । अब जरा लिस्ट इत्मिनान से देखिए। देश में थर्ड वेव, डेंगू के कहर इन सबको लेकर हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर कैसा होना चाहिए और है क्या..मोटे तौर पर यही है इस लिस्ट में । एमपी ने सबसे कम सुविधा वाली लिस्ट में टॉप किया है ।
ऐसा है राज्यों का हाल
नीति आयोग मानता है कि कम से कम 1 लाख लोगों में 22 बेड तो अस्पताल में मौजूद होना ही चाहिए। एमपी में दो कम है यानि 20 है। पंजाब में ये 18 है, गुजरात में 19, यूपी में 13, महाराष्ट्र में 14, झारखंड में 9 और बिहार में हैं 6। जी हां 6.. सवाल तो है न कि दो दशक से नीतीश जी..एक करीब एक दशक से मंगल पांडे जी सरकार में हैं। फिर भी ये हाल, लेकिन जिन्हें पहले जवाब देना था वो भाग लिए।
विपक्ष से भी सवाल
वहीं विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव इसे लेकर लगातार सवाल पर हमला कर रहे हैं, लेकिन लोग ये भी पूछ रहे हैं जब आपके भाईजी हेल्थ मिनिस्टर थे तो क्या किए । दो दशक आपकी पार्टी ने रूल किया तो क्या किए । क्या करें,जनता पूछ रही है इसलिए हम सवाल रख दिए । बाकी तो जनता के हिस्से सर पीटना ही लिखा है । बेचारी..सर पीट रही है । कोरोना आया तो भी सर पीटा । कोरोना से पहले चिमकी में भी सिर-छाती दोनों पीटी और अब डेंगू आया है तो भी सर पीट रही है। क्योंकि विपक्ष ठोककर सवाल पूछने का नैतिक अधिकारी नहीं दिखता। सत्ता पक्ष के पास बताने के लिए कुछ नहीं बचा। सबूत तो आसमान से गिरता है साहब । घंटे भर झमाझम बारिश हो जाए बस । बिहार के अस्पताल..स्टीमर बन जाते हैं।