- 5 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर के लिए किया जाएगा भूमि पूजन
- राम मंदिर भूमि पूजन के लिए अयोध्या से मिट्टी और पानी लाया जाएगा
- कोविड के कारण भूमि पूजन में बेहद कम लोग होंगे शामिल
प्रयागराज: प्रयागराज में विश्व हिंदू परिषद (VHP) के वॉलंटियर्स गंगा, यमुना और सरस्वती नदी के संगम से मिट्टी और पानी लेंगे जिससे 5 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर की भूमि पूजन में इस्तेमाल में लाया जाएगा।
विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता अश्वनी मिश्रा ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि वीएचपी के पूर्व अध्यक्ष अशोक सिंघल ने कहा था कि 5 अगस्त को अयोध्या में होने जा रहे राम मंदिर के भूमि पूजन के लिए संगम की मिट्टी और पानी का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
इसलिए हमारे वॉलंटियर्स संगम से मिट्टी और पानी लेकर अयोध्या जाएंगे। इसके लिए हमारे वरिष्ठ नेता ये निर्णय लेंगे कि कौन अयोध्या जाएगा। उन्होंने बताया कि राम मंदिर आंदोलन में प्रयागराज के कई साधु संतों की महत्वपूर्ण भूमिका है। भूमि पूजन को प्रयागराज के मठों में मंदिरों में सेलिब्रेशन किया जाएगा।
विश्व हिंदू परिषद ने सभी हिंदुओं से अपील की है कि वे 5 अगस्त को शाम में अपने घरों में दिया जलाएं जबकि सभी साधु और संतों से ये अनुरोध किया है कि वे भूमि पूजन वाले दिन मंदिरों में और मठों में भजन गायन और घंटियां बजाएं।
प्रयागराज के कई साधु संतों ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का संकल्प लिया था और अब उनका ये संकल्प पूरा होने जा रहा है। इस संकल्प के पूरा होने में कहीं न कहीं उनका भी योगदान है।
इस दिन को हम सब दिवाली की तरह सेलिब्रेट करेंगे। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने कोविड को ध्यान में रखते हुए भूमि पूजन में शामिल होने वाले अतिथियों की सूची छोटी रखी है।