- पुणे में नाबालिग लड़कियों के लापता होने का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है
- काफी मशक्कत के बाद पुलिस नाबालिगों को ढूंढने में कामयाब रही
- मासूम लड़कियां उस वक्त लापता हुई थी, जब वह स्कूल जा रही थीं
Pune Crime News: पुणे में नाबालिग लड़कियों के लापता होने का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। काफी मशक्कत के बाद पुलिस नाबालिगों को ढूंढने में कामयाब रही। पुलिस ने बताया है कि, मासूम लड़कियां उस वक्त लापता हुई थी, जब वह स्कूल जा रही थीं। पुणे ग्रामीण के पुलिस अधिकारियों ने कहा कि, एक चौंकाने वाली घटना में मावल तहसील के कुसगांव से लापता हुई दो नाबालिग लड़कियां शनिवार को उस्मानाबाद में पनवेल-नांदेड़ ट्रेन में मिली हैं।
पुलिस के अनुसार शनिवार की सुबह करीब साढ़े सात बजे 13 और 12 साल की दो नाबालिग लड़कियां स्कूल जा रही थीं, लेकिन वह दोपहर तक घर नहीं लौटीं। दोपहर ढाई बजे के करीब जब अभिभावकों ने स्कूल प्रशासन से फोन कर संपर्क किया तो उन्हें पता चला कि लड़कियां स्कूल से कब की जा चुकी हैं।
तलाशी के लिए पुलिस ने किया टीमों का गठन
माता-पिता ने अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से संपर्क किया, लेकिन लड़कियां नहीं मिलीं। लापता बच्चियों के पिता सुभाष जाधव ने उसी दिन रात नौ बजे लोनावला ग्रामीण पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए लोनावला ग्रामीण पुलिस ने दो टीमों का गठन किया और तलाशी अभियान शुरू किया। पुलिस के मुखबिरों ने बताया कि, शनिवार शाम पुणे रेलवे स्टेशन परिसर में दो लड़कियों को देखा गया। सूचना पर कार्रवाई करते हुए पुलिस टीम पुणे रेलवे स्टेशन पहुंची और सीसीटीवी फुटेज को क्रॉस चेक किया। रेलवे स्टेशन परिसर में लगे सीसीटीवी की फुटेज में दोनों बच्ची शाम को करीब सवा पांच बजे नजर आईं।
पिता की शराब की लत से परेशान थीं नाबालिग लड़कियां
सीसीटीवी फुटेज में आगे खुलासा हुआ कि दोनों लड़कियां पनवेल-नांदेड़ ट्रेन में सवार हुई थीं। लोनावला ग्रामीण पुलिस की एक टीम लापता लड़कियों को ट्रैक करने के लिए नांदेड़ की ओर तैनात की गई थी। इस बीच, अधिकारियों ने पनवेल-नांदेड़ रेलवे मार्ग पर पुलिस थानों से संपर्क किया। ट्रेन जब उस्मानाबाद रेलवे स्टेशन पर रुकी तो वहां की पुलिस ने लापता लड़कियों को देखा और बाद में रविवार सुबह करीब 12:55 बजे उन्हें लोनावला ग्रामीण पुलिस को सौंप दिया। पुणे ग्रामीण के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था कि लड़कियां को उनके पिता की शराब पीने की आदत से तंग आ गई थी। वह उन्हें छोटे-छोटे कारणों से मारता था और इसलिए लड़कियां कर्नाटक के गुलबर्गा में अपने एक रिश्तेदार के घर जा रही थीं।