- नाबालिग की हत्या कर उसको दिखाया आत्महत्या
- आरोपी करना चाहता था 12 साल की नाबालिग से शादी
- नाबालिग के माता-पिता ने शादी करने से इनकार कर दिया था
Pune Crime: पुणे में एक शख्स ने शादी न करने पर एक नाबालिग की हत्या कर दी है। इतना ही नहीं हत्या कर उसको आत्महत्या दिखाने की कोशिश की गई। इस मामले में पुणे पुलिस ने 35 साल के एक आरोपी सहित कुछ लोगों को गिरफ्तार किया है। 12 वर्षीय लड़की के दूर के रिश्तेदारों ने कथित तौर पर उसकी हत्या कर दी और फिर उसे आत्महत्या की तरह दिखाने के लिए उसे फांसी पर लटका दिया। नाबालिग के माता-पिता ने उसकी शादी मुख्य आरोपी से करने से इनकार कर दिया, जो 35 साल का शादीशुदा था और उसके दो बच्चे है।
घटना 31 मई को शिकारापुर क्षेत्र के मोजे धामरी गांव डफलवस्ती में हुई। नाबालिग का शव लटका हुआ मिला था और पुलिस ने आकस्मिक मौत का मामला दर्ज किया। फिर अब मृतक नाबालिग के परिवार ने दावा किया है कि लड़की की उसके रिश्तेदारों ने हत्या कर दी थी।
माता-पिता से शादी करवाने से किया मना
इसके बाद शिकारापुर पुलिस स्टेशन में अब धारा 302 (मृत्यु या आजीवन कारावास और हत्या के लिए जुर्माना), 506 (आपराधिक धमकी के लिए सजा) और 34 के तहत मामला दर्ज किया गया है। नाबालिग के पिता ने दावा किया है कि, हम अपनी बेटी की शादी उस आदमी से करने के लिए तैयार नहीं थे, जो एक रिश्तेदार है। वह पढ़ने की इच्छुक थी, लेकिन आरोपी और उसका परिवार हमें नाबालिग की शादी तय करने के लिए मजबूर कर रहा था। हमने प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया और उन्होंने उसे मार डाला।
आरोपियों ने घर में घुसकर की हत्या
मामले में मृतक नाबालिग की मां ने शिकायत दर्ज कराई है। इसके बाद, पुलिस ने मुख्य आरोपी पंकज काले (35) और उसके परिवार के सदस्यों मयूर काले, अजय काले और हाइकन काले के खिलाफ मामला दर्ज किया। बच्ची की मां ने बताया कि, उसकी बेटी छठी कक्षा में पढ़ती है। उसने कहा कि, कथित तौर पर चारों आरोपी उसके घर में घुसे जब वह और उसका पति बाहर थे। उन्होंने बेटी की हत्या कर दी। फिर उन्होंने दूसरी बेटी को जान से मारने की धमकी दी।
आरोपी रखता था नाबालिग पर नजर
नाबालिग के चाचा ने कहा कि, आरोपी परिवार पीड़ित पिता की बहन और उसके पति पर उसकी बेटी की शादी पंकज से कराने का दबाव बना रहे थे और इसके लिए 2 लाख रुपये की पेशकश की। पंकज शादीशुदा है और उसके दो बच्चे हैं। मेरी भतीजी पढ़ना चाहती थी। पंकज उस पर नजर रखता था और जब भी वह स्कूल जाती थी, उसका पीछा करता था। वह हमेशा डरी रहती और अपने माता-पिता को इसके बारे में बताती थी।
माता-पिता के दावों पर मामला हत्या में बदला
चाचा ने कहा है कि, उसकी बहन और देवर पंकज के घर गए और उन्होंने उससे कहा कि नाबालिग का पीछा करना छोड़ दे। तभी पंकज और उसके परिवार ने उन्हें धमकाया। वहीं इस मामले में एपीआई विक्रम सालुंके ने कहा है कि, हमें पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिल गई है, लेकिन मौत का कारण साफ नहीं हो पा रहा है। हम मामले की जांच कर रहे हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि यह आत्महत्या थी या हत्या। हमने आकस्मिक मौत का मामला दर्ज किया था और माता-पिता के दावों के बाद इसे हत्या में बदल दिया है।