- पुणेवासी दो माह में डकार गए 30 लाख लीटर बीयर
- इस बिक्री से सरकार को मिला 213 करोड़ रुपये राजस्व
- इस वर्ष विभाग को मिला 1647 करोड़ रुपये का राजस्व
Pune: हुई महंगी बहुत शराब, थोड़ी-थोड़ी पिया करो...यह गाना शराब की हर महफिल में पियक्कड़ों को अपनी धुन पर नाचने पर मजबूर कर देती है, लेकिन इसके बोल से पुणे के लोगों को कोई वास्ता नहीं है। इस समय शहर के लोग जमर शराब की जाम छलका रहे हैं। जिस वजह से शराब से होने वाली आय ने पुराने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। आलम यह है कि शराब से होने वाली आय राज्य द्वारा निर्धारित लक्ष्य को भी पार कर गई है। इससे आने वाले राजस्व से सरकार की झोली खूब भर रही है।
राज्य के आबकारी विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, शहर के पियक्कड़ों ने गर्मी की अवधि के दौरान अप्रैल से मई में रिकॉर्ड मात्रा में शराब का सेवन किया। इसमें सबसे अधिक बिक्री बीयर की हुई है। रिकार्ड तोड़ गर्मी के बीच पुणेवासियों ने पूर्व माह की तुलना में रिकार्ड 30 लाख लीटर अधिक बीयर डकार गए। नतीजतन, सरकार के राजस्व में इस बार 213 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है। पिछले साल जहां शराब बिक्री से सरकार को 1434 करोड़ रुपये का राजस्व मिला था, तो वहीं इस वर्ष विभाग को 1647 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है।
कोरोना को माना जा रहा शराब बिक्री का बड़ा कारण
शराब बिक्री में हुई इस रिकार्ड बढ़ोत्तरी का सबसे बड़ा कारण कोरोना को माना जा रहा है। भारतीय मादक पेय परिसंघ के अध्यक्ष दीपक रॉय ने कहा कि महाराष्ट्र में शराब की बिक्री में भारी उछाल आया है। खासकर 2020-21 की COVID-19 अवधि के दौरान। कोरोना के समय ज्यादातर लोग अपने घरों में कैद रहे और जमकर शराब का सेवन किया। हालांकि बीयर की बिक्री में रिकार्ड बढ़ोत्तरी चौकाने वाली है। दीपक रॉय ने कहा कि अगर हम देश के अन्य राज्यों से तुलना करते तो अभी भी शराब का कुछ क्षेत्रों में विकास धीमा है।