- पुणे ट्रैफिक पुलिस बुलेट चालकों पर कसेगी लगाम
- गैरेज चालकों के बुलेट का साइलेंसर बदलने पर होगी कार्रवाई
- नियम का उल्लंघन करने पर लगाने होंगे कोर्ट के चक्कर
Traffic Rules In Pune: पुणे में ध्वनि प्रदूषण फैलानेवाले बुलेट चालकों पर लगाम लगाने की शुरुआत हो गई है। पिंपरी-चिंचवड पुलिस आयुक्त कार्यालय के यातायात विभाग ने पहली बार तेज आवाज करनेवाले बुलेट चालकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करनी शुरू की है। बता दें कि यातायात पुलिस उपायुक्त आनंद भोइटे ने बताया कि बुलेट चलाकों को अपने वाहन के साइलेंसर में कोई बदलाव करके या पर्यावरण संरक्षण अधिनियम का उल्लंघन करके शहर के अन्य नागरिकों को परेशान नहीं करना चाहिए।
यातायात पुलिस उपायुक्त भोइटे ने कहा कि गैरेज चालकों को बुलेट का साइलेंसर नहीं बदलना चाहिए क्योंकि जांच में अगर कोई ऐसा करता हुआ पाया जाता है तो उसके खिलाफ भी केस दर्ज किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कई बुलेट चालक अपने वाहनों के साइलेंसर बदलते हैं जिससे फायरिंग जैसी तेज आवाज आती है और आसपास के लोगों को काफी परेशानी होती है। ऐसे में नागरिक इन चालकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
वाहन चालकों पर सख्त कार्रवाई और जुर्माना
मिली जानकारी के अनुसार ट्रैफिक पुलिस ने बुलेट चालकों के खिलाफ कार्रवाई करनी शुरू कर दी है। जिन्होंने अपने वाहनों के साइलेंसर बदल दिए हैं, जिससे ध्वनि प्रदूषण हो रहा है। ऐसे ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वाले चालकों पर जुर्माना लगाया जा रहा। नियमों का उल्लंघन करने वाले प्रत्येक वाहन चालक पर 1,000 रुपए का जुर्माना लगाया जा रहा है। बीते छह महीनों में 2,000 से अधिक मोटर चालकों पर केस दर्ज किया गया है। फिर भी नियम तोड़ने वाले वाहन चालकों की संख्या कम होने का नाम नहीं ले रही। बता दें कि इसलिए परिवहन विभाग ने ऐसे नियमों का उल्लंघन करने वाले चालकों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करने का फैसला लिया है।
चालकों पर कानूनी कार्रवाई शुरू
जानकारी के लिए बता दें कि नियम तोड़ने वाले वाहन चालकों को अब सीआरपीसी 41(1) के तहत नोटिस देना शुरू किया गया है। अब उन्हें अदालत में पेश होना पड़ता है और कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। बता दें कि इसके तहत पिछले दिनों में यानी 26 जून से 30 जून के बीच 43 लोगों के खिलाफ यह कार्रवाई की गई है। 28 जून को 3 व्यक्तियों, 29 जून को 15 और 30 जून को 6 वाहन चालकों के विरुद्ध कार्रवाई की गई है। यह विशेष अभियान यातायात अधिकारियों के निर्देशन में चलाया जा रहा है।