नई दिल्ली: गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा है कि गाय भारतीय अर्थव्यवस्था की नींव है क्योंकि यह हमारे पोषण के लिए दूध देती है और इसका गोबर और मूत्र कृषि में मदद करता है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती पूरी तरह से देशी नस्लों पर निर्भर है। कामधेनु विश्वविद्यालय, गांधीनगर के सातवें वार्षिक दीक्षांत समारोह में बोलते हुए, राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि गाय के गोबर से किसानों को अपनी आय बढ़ाने में मदद मिल सकती है।
राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने हिसार के कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए एक शोध का हवाला देते हुए कहा, 'एक ग्राम गोबर में 300 करोड़ से अधिक बैक्टीरिया होते हैं जो मिट्टी की उर्वरता में सुधार करने में मदद करते हैं। इससे किसानों की आय बढ़ सकती है। एक उदाहरण गुजरात का अमूल है जहां 30 लाख से अधिक किसान इससे जुड़े हैं और समृद्ध हैं।'
रिसर्च का दिया उदाहरण
राज्यपाल ने कहा कि उनके पास साहीवाल, थारपारकर, हरियाणवी, राठी, गिर और लाल सिंधी सहित सात देशी नस्लों की 350 गाय हैं। उन्होंने कहा कि उनकी नस्लों को सुधारने पर काम करने के बाद गाय अब हर दिन लगभग 20 से 25 लीटर दूध देती हैं। इसलिए अगर हम ऐसे मवेशियों पर काम करते हैं, तो इससे न केवल किसानों की आय बढ़ेगी, बल्कि लोगों के स्वास्थ्य में भी मदद मिलेगी क्योंकि ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में A1 और A2 दूध पर किए गए शोधों ने साबित किया है कि A2 दूध जो भारतीय नस्ल के मवेशियों में पाया जाता है, स्वास्थ्य के लिए अच्छा है।
प्राकृतिक खेती को दिया जा रहा बढ़ावा
साथ ही प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देते हुए देवव्रत ने कहा कि उनके प्रयासों से गुजरात में पिछले 8 महीनों के दौरान प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित किया गया है, जिसके परिणामस्वरूप 1.05 लाख किसानों ने प्राकृतिक खेती को अपनाया है। उन्होंने कहा, 'मैंने राज्य सरकार को प्रस्ताव दिया था कि जो किसान प्राकृतिक खेती का पालन करेंगे उन्हें देसी गाय रखने के लिए हर महीने 900 रुपए दिए जाएंगे ताकि उसके चारा और देखभाल की जा सके। यह पहले से ही लागू किया जा चुका है क्योंकि राज्य सरकार ने इन 1.05 लाख किसानों को दिसंबर 2020 में 48 करोड़ रुपए दिए हैं। इसके परिणामस्वरूप इस वर्ष से अन्य 2 लाख किसानों ने भी प्राकृतिक खेती में शामिल होने के लिए आवेदन किया है।'