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Haridwar में करोड़ों की जमीन दिखा की ठगी, Ranchi का कारोबारी मौके पर पहुंचा तो पैरों तले खिसक गई जमीन

Updated Aug 29, 2022 | 16:37 IST

Ranchi Police: रांची में जालसाजों ने जमीन दिलाने के नाम पर डेवलपर से मोटी रकम की ठगी की है। छह लोगों ने मिलकर डेवलपर को चूना लगाया है। ठगी के शिकार शख्स ने अरगोड़ा थाने में ठगों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है।

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तस्वीर साभार:&nbspTwitter
रांची के डेवलपर को हरिद्वार में जमीन दिलाने के नाम पर 1.05 करोड़ की ठगी
मुख्य बातें
  • राज गोविंद डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड रांची के संचालक ने 6 लोगों पर दर्ज कराई रिपोर्ट
  • जमीन की रजिस्ट्री कराने के लिए कहा तो आरोपियों ने टाल-मटोल शुरू की
  • जमीन का सौदा 5 करोड़ रुपए में हुआ था तय

Ranchi Fraud News: हरिद्वार में जमीन दिलाने के नाम पर रांची के एक डेवलपर से एक करोड़ 5 लाख रुपए की ठगी की गई है। गलत जमीन दिखाकर छह लोगों ने डेवलपर से यह रकम ऐंठ ली। रांची के अरगोड़ा थाने में राज गोविंद डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के संचालक नागेंद्र प्रसाद सैनी ने छह लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करवाई है। रिपोर्ट में गुजरात के बड़ोदरा के रहने वाले बालमुकुंद पासवान, हरिद्वार के मो. उमर, मो. हारुण अली, मोनू राव, पंकज कुमार और विजय चौहान को नामजद आरोपी बनाया गया है।

इन सबके खिलाफ धारा 406, 420, 467, 468, 471 और 34 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। थाने में दर्ज कराई गई रिपोर्ट के मुताबिक नागेंद्र को बालमुकुंद पासवान, मो. उमर और मोनू राय मिले थे। इन तीनों ने अपने आप को हरिद्वारा का मूल निवासी बताया। हरिद्वारा में 50 बीघा जमीन की तस्वीर और वीडियो दिखाई। इन लोगों ने बताया कि अगर नागेंद्र जमीन खरीदते हैं तो उन्हें काफी फायदा होगा। यह भी बताया कि हरिद्वार में जमीन खरीदने के लिए उनके संपर्क में कई डॉक्टर हैं। 

जमीन की कुल कीमत की 20 प्रतिशत रकम ली

नागेंद्र प्रसाद सैनी जमीन देखने के लिए हरिद्वार गए और जालसाजों ने उन्हें प्लॉट दिखा भी दिया। इसके बाद जमीन का सौदा 5 करोड़ रुपए में तय हो गया। जमीन की कुल कीमत की 20 प्रतिशत रकम 1.05 करोड़ रुपए जालसाजों ने ले भी लिए। जब नागेंद्र ने जमीन की रजिस्ट्री कराने के लिए कहा तो आरोपियों ने टाल-मटोल शुरू कर दिया। इस पर उन्हें शक हुआ। जब उन्होंने जमीन से जुड़ी पूरी जानकारी जुटानी शुरू की तो उन्हें पता चला कि उक्त प्लॉट पर इनका मालिकाना हक नहीं है। उस जमीन से इनका दूर-दूर तक कोई संबंध ही नहीं है। ठगी का पता चलने के बाद पीड़ित ने पुलिस से लिखित शिकायत कर रकम वापस कराने की गुहार लगाई है।