- सुकूरहुटू स्थित गोशाला में जल्द शुरू होगा बायोगैस उत्पादन
- बेहद कम दाम पर गांव के कई परिवारों एवं कैंसर अस्पताल में होगा बायोगैस का वितरण
- कंपनी ने 10 दिन पहले गोशाला का किया है सर्वे
Ranchi Sukurhutu Gaushala: रांची में अब गोशाला से गोबर लेकर बायोगैस का उत्पादन किया जाएगा। इस गैस को बेहद कम कीमत पर गांव के कई परिवारों और कैंसर अस्पताल में वितरण किया जाएगा। बता दें सुकुरहुटू स्थित गोशाले में जल्द बायोगैस का उत्पादन होगा। रांची गोशाला के सचिव प्रदीप राजगढ़िया ने बताया कि ग्राम ऊर्जा सॉल्यूशन कंपनी ने 10 दिन पहले ही सुकुरहुटू स्थित गोशाला का सर्वे किया था। बताया गया कि फिलहाल गोशाले की टीम ने 20 डेसिमल जमीन पर यह बायोगैस प्लांट लगाने का निर्णय लिया है। भविष्य में इसे बढ़ाया जाएगा।
रांची गोशाला के सचिव प्रदीप राजगढ़िया ने बताया कि हर दिन 4 टन गोबर बायोगैस बनाने वाली कंपनी को दिया जाएगा। बायोगैस का उत्पादन ग्राम ऊर्जा सॉल्यूएशन कंपनी को करना है। गोबर से बायोगैस बनाने के बाद बनने वाले बाय प्रोडक्ट को खाद के रूप में खेतों में इस्तेमाल किया जा सकता है।
4 टन गोबर से बनेगी हर दिन करीब 160 क्यूबिक मीटर गैस
हर दिन 4 टन गोबर से लगभग 160 क्यूबिक मीटर गैस बनाई जाएगी। मतलब 70 किलो गैस। इस हिसाब से एक साल में 18 लाख रुपए के गैस का उत्पादन हो जाएगा। इन रुपए को गोशाले के विकास में खर्च किया जाएगा। फिलहाल सुकुरहुटू गोशाले में 470 गाय हैं। ग्राम ऊर्जा सॉल्यूशन्स कंपनी के निदेशक अंशुमन लाठ ने बताया कि गोशाला कमेटी द्वारा कैंसर अस्पताल, स्कूल और दूसरे यूजर को चिह्नित कर तीन से चार दिन में यह प्लांट तैयार कर लिया जाएगा। सूबे में यह पहली गोशाला है, जहां बायोगैस का प्लांट लगाया जा रहा है। एलपीजी से इस बायोगैस का दाम 20 प्रतिशत कम होगा।
गोशाला को बनाया जा रहा अत्याधुनिक
अब गोशाले को अत्याधुनिक बनाया जा रहा है। इसको लेकर गोशाला कमेटी के सदस्य प्रयास कर रहे हैं। यहां हर दिन गायों को हरा चारा, तरबूज आदि दिए जा रहे हैं। गोशाले में ही अस्पताल भी बना है। कमेटी की 104 एकड़ जमीन पर गोशाला है।