- आज के दिन से प्रारंभ हो गई है चैत्र नवरात्रि, नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की होती है पूजा।
- नवरात्रि में फलहार भोजन किया जाता है सेवन, कुट्टू की पूड़ी और हलवा भी है व्रत के खाने में शामिल
- कुट्टू की पूड़ी बनाने में आती है मुश्किलें लेकिन यह टिप्स अपनाकर आप हो जाएंगे कुट्टू की पूड़ी बनाने में माहिर
आज यानी 13 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि प्रारंभ हो गई है। इस वर्ष चैत्र नवरात्रि 22 अप्रैल को समाप्त होगी। चैत्र नवरात्रि सनातन धर्म में विश्वास रखने वाले लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। दुनिया भर में चैत्र नवरात्रि को श्रद्धा-भाव एवं धूमधाम से मनाया जाता है। नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है तथा रात में जागरण रखकर दुर्गा मां को स्मरण किया जाता है। नवरात्रि का व्रत रखने वाले भक्त फलहार भोजन ग्रहण करते हैं। फलहार भोजन में कुट्टू की पूड़ी और आलू की सब्जी भी शामिल है। अधिकतर लोगों के लिए कुट्टू की पूड़ी बनाना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। लाख कोशिश करने पर भी कई लोगों से कुट्टू की पूड़ी सही तरह से नहीं बन पाती है जिसके वजह से उसके स्वाद पर भी प्रभाव पड़ता है। अगर आप भी कुट्टू की पूड़ी ठीक तरह से नहीं बना पाते हैं तो इस लेख को पढ़िए और कुट्टू की पूड़ी बनाने का सही तरीका जानिए।
- आलू के साथ गूंथें पूड़ी का आटा
अगर आप चाहते हैं कि कुट्टू की पूड़ी अच्छी तरह से बने तो कुट्टू के आटे में आलू मिलाकर गूंथें। आप चाहें तो कुट्टू के आटे के साथ सिंघाड़े का आटा भी उपयोग कर सकते हैं। यह टिप अपनाने के बाद आपकी पूड़ी नहीं फटेगी और एकदम अच्छी तरह से बेला जाएगी।
- आटा गूंथने के बाद थोड़ा रुकें
अधिकतर लोग आटा गूंथने के बाद सीधा पूड़ी बेलने लगते हैं। अगर आप चाहते हैं कि आपकी पूड़ी अच्छी तरह से फूले तो आपको कुट्टू का आटा गूंथने के बाद 10 मिनट तक रुकना चाहिए। इससे ज्यादा ना रुके क्योंकि आटा ज्यादा गीला हो सकता है। 10 मिनट बाद आप कुट्टू के आटे को बेलना शुरू कर सकते हैं।
- जान लें कुट्टू की पूड़ी बेलने का सही तरीका
कुट्टू की पूड़ी बेलते समय हमेशा पर्थन का उपयोग करना चाहिए। आप सिंघाड़े का आटा पर्थन के रूप में उपयोग कर सकते हैं। पूड़ी को बीच से बेलने की जगह किनारे से बेलें। पूरी को हमेशा गर्म आंच पर तलें ताकि पूड़ी अच्छी तरह से फूल जाए।