- यूपी में परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में चयनित 36,590 सहायक अध्यापकों को मिले नियुक्ति पत्र
- सीएम योगी ने दी नवनियुक्त अध्यापकों को उज्ज्वल भविष्य की हार्दिक शुभकामनाएं
- सीएम ने कहा कि शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया जनवरी, 2019 में पूरी हो चुकी थी
लखनऊ: सुप्रीम कोर्ट द्वारा सहायक शिक्षकों की नियुक्ति मामले में योगी सरकार की कटऑफ पर मुहर लगाने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 36590 युवाओं को ऑफर लेटर बांट दिए। इसी के साथ यूपी में 69000 सहायक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पूरी हो गई है। मुख्यमंत्री ने 16 अक्टूबर को अपने सरकारी आवास पर 31,277 सहायक शिक्षकों को नियुक्ति-पत्र दिए थे और आज सीएम ने 36590 शेष बचे युवाओं को नियुक्ति पत्र दिए।
योगी ने दी शुभकामनाएं
इस अवसर पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि शिक्षकों को नियुक्ति पत्र प्रदान करने के आज के समारोह में उपस्थित समस्त नवनियुक्त शिक्षकगणों को मैं हृदय से अपनी शुभकामनाएं देता हूं। मैं धन्यवाद देता हूं बेसिक शिक्षा परिषद को, जिन्होंने सभी चुनौतियों का सामना करते हुए आज सफलतापूर्वक 69,000 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को पूरी शुचिता और पारदर्शिता के साथ संपन्न किया है।
2019 में पूरी हो गई थी प्रक्रिया
बहुप्रतीक्षित भर्ती प्रक्रिया की सुखद पूर्णाहुति करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जो भी नियुक्ति हुई है, उसका आधार सिर्फ मेरिट हैं। शुचिता और पारदर्शिता के साथ नियुक्ति प्रक्रिया पूरी कर उत्तर प्रदेश ने अन्य राज्यों के समक्ष एक नजीर प्रस्तुत की गई है। सीएम ने कहा कि शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया जनवरी, 2019 में पूरी हो चुकी थी लेकिन कोई न कोई व्यक्ति न्यायालय में जाता था और फिर न्यायालय की प्रक्रिया के तहत वह मामला लटकते-लटकते हाईकोर्ट, हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट गया। माननीय अदालत का फैसला आने के बाद हम इस प्रक्रिया को संपन्न करने जा रहे हैं।
शिक्षक संघ ने उठाए थे सवाल
‘उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ’ ने योगी सरकार के सात जनवरी, 2019 के आदेश को चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी। इस आदेश में कहा गया था कि सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा 2019 में पास होने के लिए सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों को कम से कम 65 अंक और आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों के लिए 60 अंक हासिल करने होंगे। सर्वोच्च आदालत ने इस याचिका को खारिज कर दिया था और कट ऑफ को सही ठहरा दिया था।