- बिहेवियर साइंस में होता है लोगों के व्यवहार पर रिसर्च
- बिहेवियर साइंस में करियर बनाने के लिए है कई ऑप्शन
- सरकारी संस्थाओं से लेकर कॉपरेट कंपनियों तक में जॉब
Career In Behavioral Science: बिहेवियर साइंस एक ऐसा विज्ञान है जिसमें मूल रूप में मानव तथा पशु-दोनों के व्यवहार पर रिसर्च किया जाता है। बिहेवियर साइंस में समाजिक से संज्ञात्मक मनोविज्ञान, तंत्रिका विज्ञान से मानसिक रोगों की चिकित्सा, जजमेंट से डिसिजन मेकिंग, मार्केटिंग और कस्टमर का व्यवहार, भूगोल से जीव विज्ञान जैसे सब्जेक्ट शामिल है। यह खात तौर पर यह समझने में मदद करता है कि इंसान कैसे अकेला, ग्रुप में या समाज में बर्ताव करता है। अगर आप अलग-अलग क्षेत्र में काम करना चाहते हैं तो बिहेवियर साइंस में कोर्स करना व करियर बनाना आपके लिए अच्छी फील्ड रहेगी।
जानें, बिहेवियर साइंस क्या है
बिहेवियर साइंस को खास तौर पर दो वर्गों में बंटा गया है- सोशल कम्युनिकेशन साइंस और न्यूरल डिसिजन साइंस। कम्युनिकेशन साइंस में जहां समाज, संबंधों तथा मनुष्य पर भाषा और संचार के प्रभाव का विश्लेषण किया जाता है, वहीं न्यूरल डिसिजन में मानव निर्णय एवं शरीर रचना का एक-दूसरे पर प्रभाव का अध्ययन होता है। इसकी कई शाखाएं हैं जिसमें आप अपनी पसंद के अनुसार अपना करियर बना सकते हैं।
बिहेवियर साइंस की प्रमुख शाखाएं
साइकोलॉजी
इस फील्ड में अप्लाईड एंड एजुकेशन स्टडी कर यह जानने की कोशिश की जाती है कि वैचारिक प्रक्रियाओं, भावात्मक प्रतिक्रिया के संबंध में व्यक्ति कैसे सोचते तथा व्यवहार करता है। साइकोलॉजिस्ट बनने के लिए मनोविज्ञान में पीएचडी होने की आवश्यकता होती है।
सोशल साइंस
सोशल साइंस में समाज पर रिसर्च किया जाता है। इसमें साइंटिस्ट लोगों को उनकी श्रेणी, आयु, लिंग, धर्म एवं जाति के अनुसार वर्गीकृत करते हैं। इसमें रिसर्च के लिए धर्म, राजनीति, अर्थशास्त्र एवं संबंधों जैसी सांस्थानिक प्रवृत्ति भी शामिल किए जाते हैं। इस क्षेत्र में भी करियर बनाने के लिए मास्टर डिग्री या पीएचडी होना जरूरी है।
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ह्यूमन साइंस
ह्यूमन साइंस को बिहेवियर साइंस का मुख्य शाखा माना जाता है। इसमें मनुष्य के जैविकीय, सामाजिक-सांस्कृतिक इतिहास के विवरण पर रिसर्च होता है। अगर आप इस तरह का रिसर्च व डाटा एकत्रित करना चाहते हैं तो पुरातत्व विज्ञान, भाषा विज्ञान, जैव मानव विज्ञान तथा सामाजिक-सांस्कृतिक मानव विज्ञान में ग्रेजुएशन करना होगा। जिसके बाद ह्यूमन साइंस में मास्टर डिग्री या पीएचडी कर सकते हैं।
एथनोलॉजी
यह फील्ड जीव-जंतुओं से संबंधित है। इसमें पशुओं और मनुष्यों के संबंध व व्यवहार पर विशेष रूप से रिसर्च किया जाता है। मनुष्यों में नैसर्गिक या मूल व्यवहार में बदलाव पर खास ध्यान दिया जाता है।
करियर ऑप्शन
कोर्स पूरा करने के बाद युवा अपना करियर क्राइम साइंटिस्ट, साइकोलॉजी, कार्पोरेट कोच, सोशलाजिस्ट, इकोनॉमी एनालिस्ट, मार्केट रिसर्चर के तौर पर बना सकते हैं। इन्हें सरकार अथवा गैर-लाभकारी संगठनों द्वारा आसानी से जॉब मिल जाता है। ये अपराध, सामाजिक अशांति व अन्य सामाजिक बुराइयों के मूल कारणों को समझ कर उसे दूर करने की कोशिश करते हैं। आज के समय में बड़ी कॉपरेट कंपनियों भी ऐसे लोगों को अच्छी जॉब देकर अपने कस्टमर व कर्मचारियों के बिहेवियर का आकलन करती हैं।