- शब्दों के बीच के गैप, झुकाव के पैटर्न और लिखने का अंदाज की करते हैं स्टडी
- ग्राफोलॉजिस्ट के पास सुरक्षा एजेंसियों, पुलिस और कॉर्पोरेट कंपनियों में जॉब
- कई संस्थान ग्राफोलॉजी में कराते हैं शार्ट टर्म से लेकर लॉन्ग टर्म तक के कोर्स
Career in Graphology: माना जाता है कि व्यक्ति के लिखावट में उसका व्यक्तित्व छुपा होता है। जिसे पढ़कर उसके बारे में पूरी जानकारी हासिल की जा सकती है। इस लिखावट को पढ़ने वाले और इसके जरिए व्यक्तित्व को समझने को ही ग्राफोलॉजी कहते हैं। यह एक ऐसी टेक्निक है जिसमें एक्सपर्ट लोगों दूसरों की लिखावट के आधार पर उनके व्यक्तित्व और कार्यशैली का पता लगाते हैं। इसी आधार पर लोगों के भावनात्मक स्तर, मजबूती, कमजोरी, पसंद और नापसंद का भी पता लगाया जाता है। ऐसे एक्सपर्ट की जरूरत सुरक्षा एजेंसियों, पुलिस के अलावा ज्योतषी में भी पड़ती है। ये लिखावट के आधार पर क्रिमिनल को पकड़ने के अलावा लोगों की लिखावट से उनकी परेशानियां हल करने में मदद करते हैं।
ग्राफोलॉजिस्ट बनने के लिए योग्यता
ग्राफोलॉजिस्ट बनने के लिए कोई विशेष डिग्री लेने से ज्यादा जरूरी इस सब्जेक्ट में रुचि होना। अगर किसी छात्र के अंदर लोगों के बारे में जानकारी हासिल करने और उनके व्यक्तित्व को जानने की इच्छा होती है तो वे इससे संबंधित कोर्स कर सकते हैं। इसमें शार्ट टर्म से लेकर लॉन्ग टर्म तक के कोर्स होते हैं ग्रेजुएशन के बाद छात्र ये कोर्स कर सकते हैं। विशाखापट्टनम में स्थित हैंडराइटिंग एनालिस्ट ऑफ इंडिया को देश के बेहतरीन संस्थानों में से एक माना जाता है। इसके अलावा कोलकाता के ग्राफोलॉजी संस्थान, मुंबई स्थित अंतर्राष्ट्रीय ग्राफोलॉजी रिसर्च सेंटर, दिल्ली स्थित ग्राफोलॉजी इंडिया डॉट कॉम में इस विषय में छ माह से एक साल तक के शॉर्ट और लॉन्ग टर्म कोर्स कराए जाते हैं।
ग्राफोलॉजिस्ट का कार्य
ग्राफोलॉजी एक्सपर्ट किसी इंसान के हस्ताक्षर, शब्दों के बीच के गैप, झुकाव के पैटर्न और , लिखने का अंदाज की स्टडी करते हैं। ग्राफोलॉजी के कोर्स में व्यक्ति का मनोवैज्ञानिक विश्लेषण करना सिखाया जाता है। इन दिनों इसका सबसे ज्यादा इस्तेमाल अपराधियों को पकड़ने और व्यक्ति का चरित्र सुधारने के लिए हो रहा है। इसे ग्राफ़ थेरेपी कहते हैं। इसके तहत व्यक्ति के लिखावट का तरीका बदलकर उसकी पर्सनालिटी में भी बदलाव किया जाता है।
कोर्स के बाद करियर ऑप्शन
ग्राफोलॉजी एक्सपर्ट्स की जरूरत आज के समय में हर बड़ी कंपनियों में पड़ने लगी है। कॉर्पोरेट घराने और कंसंलटेंट सर्विस इसलिए ग्राफोलॉजिस्ट हायर करती हैं ताकि वे अपने यहां टैलेंटेड लोगों की पहचान कर सकें। वहीं फोरेंसिक जांच के लिए भी अलग-अलग सुरक्षा एजेंसियां ग्राफोलॉजी एक्सपर्ट्स को हायर करती हैं ताकि वे क्रिमिनल केस सुलझाने में इनकी मदद ले सकें। कोर्ट और पुलिस महकमा दशकों से केस की उलझी कड़ियों को सुलझाने में ग्राफोलॉजिस्ट की मदद लेता आ रहा है।
सैलरी
ग्राफोलॉजी में सैलरी एक्सपर्ट के स्किल के आधार पर तय होता है। ये एक्सपर्ट किसी कॉर्पोरेट घराने या सुरक्षा एजेंसी के साथ जुड़कर लाखों रुपये तक की सैलरी हासिल कर सकते हैं। वहीं फ्रीलांस करने वाले एक्सपर्ट भी कार्य के अनुसार 25,000 रुपये प्रतिमाह से लाखों कमा सकते हैं।