- मैथ्स से होता है मानसिक और शारीरिक विकास
- मैथ्स में बेसिक टिप्स से मिलेगी काफी मदद
- मैथ्स के फॉर्मुले याद करने के लिए ये टिप्स हैं जरूरी
Basic Maths Tips: ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा हालही में किए गए एक रिसर्च में सामने आया है कि जो स्टूडेंट्स टीनएज में मैथ्स पढ़ना छोड़ देते हैं या फिर इससे दूरी बना लेते हैं उनके दिमाग के खास हिस्से के विकास पर इसका असर पड़ता है। ऐसे छात्रों के दिमाग के उस हिस्से में केमिकल गामा- अमीनोब्यूट्रिक एसिड की कमी देखी गई है, जो हिस्सा सोचने-समझने की क्षमता के लिए जिम्मेदार होता है। यह रिसर्च रोउ कोहेन द्वारा 14 से 18 साल के छात्रों पर किया गया था।
रिसर्चर रोउ कोहेन के अनुसार मैथ्स मानिसक के साथ शारीरिक रूप से भी असर डालता है। विकास के लिए टीनएज बहुत खास उम्र होती है। इसी उम्र में ब्रेन का विकास होने के साथ सोचने-समझने की क्षमता भी विकसित होती है। रिसर्च के साथ रिसर्चर रोउ कोहेन ने कुछ ऐसे सुझाव भी दिए हैं, जिसकी मदद से स्टूडेंट्स मैथ्स में अपनी रुचि पैदा कर सकते हैं।
मैथ्स को समझें
मैथ्स को लेकर अक्सर छात्रों के मन में इस तरह का डर बना दिया जाता है कि जिन छात्रों के मन में गणित पढ़ने में रुचि रहेगी, वो भी सुनी-सुनाई बातों के चलते उनके मन में डर का भाव आ जाता है और वे मान बैठते हैं कि मैथ्स सबसे कठिन सब्जेक्ट है जिसे पढ़ने के लिए बहुत तेज दिमाग चाहिए। हालांकि अगर मैथ्स को समझ गए तो यह बेहद आसान हो जाता है।
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स्टेप बाय स्टेप पढ़ें
मैथ्स एक ऐसा सब्जेक्ट है जिसे अचानक किसी चैप्टर से नहीं पड़ा जा सकता है। ऐसे करने पर यह विषय जल्दी से समझ में नहीं आता। गणित पढ़ने की एक पूरी प्रक्रिया अपनानी पड़ती है। जिसे फॉलो करके हुए एक स्टेप से दूसरे स्टेप तक बढ़ा जाता है। अगर इस प्रक्रिया को न अपनाया गया तो मैथ्स मुश्किल बन जाता है।
डेली प्रैक्टिस
मैथ्स एक ऐसा सब्जेक्ट है जिसका जितना प्रैक्टिस किया जाए उतना ही आसान होता जाता है। मैथ्स के सभी चैप्टर के आखिर में कुछ अभ्यास प्रश्न दिए होते हैं जिनका हल भी अक्सर बताया होता है। जब भी मैथ्स सब्जेक्ट पढ़ना शुरू करें तो पहले उस चैप्टर को अच्छी तरह से पढ़ें और समझ लें की संबंधित सवाल को आखिर किस कॉन्सेप्ट से हले किए गए हैं। इससे चैप्टर को पढ़ने में आसानी होगी।
फॉर्मूले के आधार पर स्टडी
मैथ्स एक ऐसा सब्जेक्ट है जिसकी स्टडी फॉर्मूले के आधार पर किया जा है। अगर इन फॉर्मूलों को सही से समझ लेते हैं तो फिर आसानी से गणित के सवालों को हल किया जा सकता है। मान लीजिए किसी चैप्टर में प्रश्न है कि 56 का 9 गुणा कितना होता है तो ऐसे में 56 के पहाड़े याद करने की जगह गुणा करने का फॉर्मूला पता होना चाहिए। इससे कुछ सेकेंड में ही मन में हल कर आंसर बता सकते हैं।