नई दिल्ली: पिनाका रॉकेट सिस्टम की ताकत को एक बार फिर परखा गया। उड़ीसा तट से 19 दिसंबर को यह रॉकेट सफलतापूर्वक दागा गया और इस बार निशाना लगभग 90 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद था। चांदीपुर टेस्ट रेंज में रॉकेट ने सफलतापूर्वक अपने टारगेट को बर्बाद कर दिया।
समय समय पर पिनाका के परीक्षण होते रहते हैं। इनमें से कई क्षमता को परखने और उसे नई तकनीक से लैस करने के लिए किए जाते हैं जबकि कई यूजर ट्रायल होते हैं जहां भारतीय सेना इनका इस्तेमाल करते हुए इन्हें दागने का अभ्यास करती हैं।
क्या है पिनाका:
पिनाका भारत का एक रॉकेट सिस्टम है जो आर्टिलरी का ही एक हिस्सा है। जैसे बड़ी तोपें दूर तक दुश्मन के ठिकाने पर निशाना लगाती हैं, वैसे ही पिनाका भी ठीक यही काम करता है। लेकिन इसकी आधुनिक तकनीक की वजह से इसकी सटीक निशाना लगाने की क्षमता और विध्वंसक क्षमता अधिक होती है। हाल ही में किए गए टेस्ट का वीडियो आप यहां देख सकते हैं।
इस रॉकेट सिस्टम में एक ट्रक के ऊपर मौजूद मल्टी बैरल प्लेटफॉर्म में कई रॉकेट लोड होते हैं। हमला करने के दौरान कुछ ही सेकेंड में एक के बाद एक ये रॉकेट तेजी से फायर होते हैं और बिना कोई मौका दिए दुश्मन ठिकाने को पूरी तरह बर्बाद कर देते हैं।
पिनाका मिसाइल प्रणाली 75 किलोमीटर दूरी तक उच्च सटीकता के साथ दुश्मन के इलाके में हमला करने में सक्षम है। और अब इसे और ज्यादा दूरी पर सटीक से सटीक निशाना लगाने में सक्षम बनाया जा रहा है।
खासियतें:
- आधुनिक नेविगेशन, नियंत्रण और मार्गदर्शन प्रणाली से लैस।
- भारतीय सैटेलाइट सिस्टम (नाविक) की मदद से लगाता है अचूक निशाना।
- टेलीमेटरी, रडार के जरिए निशाने को ट्रैक करने में सक्षम।
- इक्ट्रो ऑप्टिकल टार्गेटिंग सिस्टम से है लैस।