नई दिल्ली: भारतीय फुटबॉल की घरेलू संरचना में सुधार के लिए एशियाई फुटबॉल परिसंघ (एएफसी) ने जो प्रस्ताव पेश किया है उसमें आई-लीग की जगह इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) शीर्ष घरेलू लीग बनाना है। इसका खाका सोमवार को कुआलालंपुर में एएफसी के साथ आईएसएल और आईलीग के अधिकारियों के साथ एएफसी और अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) की बैठक में तैयार हुआ।
इस बैठक में आईएसएल के अयोजक एफएसडीएल के अधिकारी भी मौजूद थे। इसके मुताबिक आईएसएल की विजेता टीम को एएफसी चैंपियंस लीग के प्लेऑफ में खेलने का मौका मिलेगा जबकि आई-लीग की विजेता टीम को एएफसी कप में भाग लेने का मौका मिलेगा। इसका फैसला फीफा/एएफसी की 2017 की रिपोर्ट की सिफारिशों पर विचार कर एक 'पैकेज' के तहत हुआ है।
एएफसी के महासचिव दातो विंडसर जान ने कहा, 'हर किसी को भारतीय फुटबॉल को आगे ले जाने के लिए अच्छा करना होगा और भारतीय फुटबॉल के विकास में सर्वश्रेष्ठ फैसला करना होगा। एएफसी देश को एक शीर्ष लीग की तरफ ले जाने में अपनी अहम भूमिका निभाएगा।'
उन्होंने कहा, 'इस 'पैकेज' में हर चीज को काफी सोच विचार कर तैयार किया गया। इसका मकसद सिर्फ भारतीय फुटबॉल को बढ़ावा देना है। हमने एआईएफएफ से कह दिया है कि लीग के 10-12 टीमें काफी नहीं है। यह बड़ा होना चाहिए।' अब प्रस्ताव को मंजूरी के लिए एएफसी की कार्यकारी समिति और एआईएफएफ की कार्यकारी समिति के सामने पेश किया जाएगा।