नई दिल्ली: एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता त्रिकूद खिलाड़ी अरपिंदर सिंह ने टारगेट ओलंपिक पोडियम (टॉप्स) योजना से उन्हें बाहर करने के खेल मंत्रालय के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि कोरोना महामारी के बीच कोई प्रतिस्पर्धा नहीं होने के बावजूद उनके प्रदर्शन की समीक्षा किस आधार पर की गई। इंडोनेशिया में 2018 एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले अरपिंदर को टॉप्स कोर समूह से बाहर कर दिया गया जबकि ‘प्रदर्शन की समीक्षा’ के बाद नीरज चोपड़ा, तेजिंदर पाल सिंह तूर और हीमा दास को बरकरार रखा गया।
'महामारी के बीच प्रदर्शन की समीक्षा कैसे की गई'
अरपिंदर ने अमृतसर से फोन पर कहा, 'मैं हैरान रह गया कि इस महामारी के बीच प्रदर्शन की समीक्षा कैसे की गई। कोई प्रतिस्पर्धा भी पूरे साल नहीं हुई। आपको बिना ट्रायल के कैसे पता चला कि मेरा प्रदर्शन खराब हो गया है।मुझे इसका आधार समझ में नहीं आया।' उन्होंने कहा, 'मैं इन दिनों जालंधर में अकेले अभ्यास करता हूं। मैने छोटा ब्रेक लिया है और एक या दो दिन में जालंधन जाऊंगा। जहां तक मुझे पता है , मैं पहले की तरह की कूद लगा रहा हूं। मेरे प्रदर्शन में निरंतरता है।' उन्होंने कहा, 'मैं करीब दो साल से टॉप्स में हूं और मेरी किसी गलती के बिना मुझे बाहर कर दिया गया। मुझे इसकी उम्मीद नहीं थी।' अरपिंदर ने कहा कि वह कुछ महीने एनआईएस पटियाला में था लेकिन मई में राष्ट्रीय शिविर छोड़ दिया।
'टॉप्स के एक अधिकारी ने मुझे फोन किया'
यह पूछने पर कि क्या उन्हें टॉप्स से बाहर किये जाने के बारे में पहले बताया गया था, उन्होंने कहा, 'टॉप्स के एक अधिकारी ने मुझे फोन करके कहा कि उन्होंने प्रदर्शन की समीक्षा की है और मुझे बाहर किया जायेगा। मैने पूछा कि ऐसे समय में प्रदर्शन की समीक्षा कैसे की गई।' उन्होंने कहा, 'मई जून में मंत्रालय से किसी ने मुझे कहा कि अमेरिका अभ्यास के लिये जा सकता हूं लेकिन मैने मना कर दिया क्योंकि जब कोई अभ्यास ही नहीं कर रहा तो जाने का क्या फायदा।' अरपिंदर ने कहा कि वह टॉप्स में वापिस शामिल करने के लिये अनुरोध नहीं करेंगे लेकिन अगले सत्र में अपने प्रदर्शन के जरिये जवाब देंगे।