- भारत ने वर्ल्ड चैंपियनशिप में पहली बार जीता पुरुषों की युगल स्पर्धा में पदक
- भारत का वर्ल्ड चैंपियनशिप में है ये कुल 13वां पदक
- साल 2011 के बाद से भारतीय दल की विश्व चैंपियनशिप में नहीं रही है झोली खाली
टोक्यो: सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की भारतीय पुरुष युगल जोड़ी ने शनिवार को सेमीफाइनल में मलेशिया के आरोन चिया और सोह वूई यिक की छठी वरीयता प्राप्त जोड़ी से हारने के कारण विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप में अपना पहला कांस्य पदक जीतकर अभियान का अंत किया।
फिर राह का रोड़ा बनी मेलिशियाई जोड़ी
विश्व में सातवें नंबर की भारतीय जोड़ी पहले गेम में जीत का फायदा नहीं उठा पाई और 77 मिनट तक चले मैच में 22-20, 18-21, 16-21 से हार गई। यह सात्विक और चिराग की मलेशियाई जोड़ी के हाथों लगातार छठी हार है। इस महीने के शुरू में राष्ट्रमंडल खेलों के मिश्रित टीम फाइनल में भी उन्हें इस जोड़ी से हार का सामना करना पड़ा था।
पुरुषों की युगल स्पर्धा में पहला पदक
इस हार के बावजूद भारतीय जोड़ी ने विश्व चैंपियनशिप में प्रभावशाली प्रदर्शन किया और भारत का एक पदक सुनिश्चित किया। भारत ने 2011 के बाद इस प्रतियोगिता में हमेशा पदक जीता है। यह भारत का विश्व चैंपियनशिप में युगल में दूसरा पदक है। इससे पहले ज्वाला गुट्टा और अश्विनी पोनप्पा की जोड़ी ने 2011 में महिला युगल में कांस्य पदक जीता था।
भारत ने जीता वर्ल्ड चैंपियनशिप में 13वां पदक
भारत का यह विश्व चैंपियनशिप में कुल मिलाकर 13वां पदक है। पीवी सिंधू ने 2019 में स्वर्ण पदक सहित इस प्रतियोगिता में कुल पांच पदक जीते हैं जबकि साइना नेहवाल ने एक रजत और एक कांस्य पदक हासिल किया है। इनके अलावा किदांबी श्रीकांत ने रजत, लक्ष्य सेन, बी साई प्रणीत और प्रकाश पादुकोण ने कांस्य पदक जीते हैं।