- मुरली श्रीशंकर बने राष्ट्रमंडल खेलों में भारत के लिए लंबी कूद में रजत पदक जीतने वाले पहले भारतीय
- श्रीशंकर ने अपने पिता और केंद्रीय खेल मंत्रालय को समर्पित किया है ये पदक
- श्रीशंतक को गोल्ड मेडल नहीं जीत पाने का है अफसोस
बर्मिंघम: भारत के 23 वर्षीय युवा एथलीट मुरली श्रीशंकर ने गुरुवार को बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में पुरुषों की लंबी कूद स्पर्धा में 8.08 मीटर की छलांग लगाकर रजत पदक अपने नाम कर लिया। मुरली राष्ट्रमंडल खेलों में लंबी कूद में रजत पदक जीतने वाले पहले भारतीय पुरुष हैं।
पिता और खेल मंत्रालय को पदक किया समर्पित
23 वर्षीय मुरली श्रीशंकर ने अपना रजत पदक पिता और भारत के खेल मंत्रालय को समर्पित किया है। सिल्वर मेडल पर कब्जा करने के बाद मुरली ने कहा, मैं बहुत खुश हूं। मैं इस पल का लंबे समय से इंतजार कर रहा था। मैं शिद्दत से यहां मेडल जीतना चाहता था। मुझे इस बात का यकीन था कि एक अच्छी जंप मुझे मेडल दिला सकती है।
अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं दोहरा पाने का है अफसोस
मुरली श्रीशंकर ने आगे कहा, मैं आज यहां अपने व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन को दोहरा नहीं पाए इस बात का उन्हें बहुत दुख है। मुरली ने कहा, मैं अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन को दोहराना चाहता था लेकिन परिस्थितियां मेरे अनुकूल नहीं थीं। मैदान पर सर्द हवाएं चल रही थीं। मेरा लक्ष्य इन परिस्थितियो से पार पाना था।
नहीं है स्वर्ण पदक नहीं जीत पाने का अफसोस
मुरली ने अंत में कहा, पहले राउंड के बाद मैंने अच्छी लय हासिल कर ली थी। मैं सिल्वर मेडल हासिल करके भी खुश हूं। लेकिन स्वर्ण पदक नहीं जीत पाने का अफसोस है। स्वर्ण पदक जीत से चूकने के बारे में श्रीशंकर ने कहा, मैं बेहद खुश हूं लेकिन स्वर्ण पदक नहीं जीत पाने का अफसोस है। लेकिन देश के लिए सिल्वर मेडल जीत पाने की खुशी भी है। मैं इस पदक को उन सभी को समर्पित करना चाहूंगा जो हमेशा मेरे साथ खड़े रहे। जिनमें मेरे पिता और भारत का खेल मंत्रालय शामिल है।