नई दिल्लीः सालों की मेहनत का सबसे बड़ा पुरस्कार मिलने से ठीक पहले ही पूर्व कोच दुनिया को अलविदा कह गए। भारत के पूर्व एथलेटिक्स कोच पुरुषोत्तम राय को शनिवार को राष्ट्रीय खेल दिवस पर किसी कोच को मिलने वाला सर्वोच्च पुरस्कार 'द्रोणाचार्य अवॉर्ड' मिलना था। इस बार उनके नाम का चयन हुआ था लेकिन शुक्रवार को 79 वर्ष के पुरुषोत्तम राय का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया।
कर्नाटक एथलेटिक्स एसोसिएशन ने उनके निधन पर उनको याद करते हुए प्रेस विज्ञप्ति में लिखा, 'श्री राय 1980-90 के बीच एक समर्पित कोच थे। उन्होंने श्री कांतिरवा स्टेडियम में कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय एथलीटों को ट्रेनिंग दी थी। वो कर्नाटक में इस अवॉर्ड को हासिल करने वाले तीसरे कोच थे। इससे पहले स्वर्गीय एन.लिनगप्पा और पिछले साल वीआर बीडू को अवॉर्ड मिला था। उनके परिवार के साथ हमारी संवेदनाएं हैं, उनको इस दुख की घड़ी में भगवान शक्ति दे।'
गुरुवार को पूर्व कोच पुरुषोत्तम राय उस अभ्यास सत्र का भी हिस्सा बने थे जो कि अवॉर्ड सेरेमनी से पहले होता है। उन्हें ये पुरस्कार राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलना था। इस बार कोविड-19 की वजह से पुरस्कार समारोह राष्ट्रपति भवन में नहीं बल्कि एक ऑनलाइन कॉन्फ्रेंस समारोह के रूप में होगा। अब उनका ये सम्मान उनके परिवार को सौंपा जाएगा।