- दुती चंद ने बताया, महिला मित्र से दोस्ती पर लोगों का नजरिया बदला
- भारतीय एथलीट ने खुद को लेकर किया था खुलासा
- दुती चंद ने अपने रिश्ते को खुलकर दुनिया के सामने रखा था
नई दिल्लीः बेशक भारत में समलैंगिक रिश्तों को आधिकारिक रूप से मान्यता मिल चुकी है लेकिन अब भी समाज ने इसको पूरी तरह से स्वीकार नहीं किया है। सिर्फ आम लोगों में ही नहीं बल्कि नामी हस्तियों को लेकर भी लोगों का रुख बदल जाता है। भारत की स्टार युवा एथलीट दुती चंद (Dutee Chand) ने कुछ समय पहले खुद के समलैंगिक होने और महिला मित्र से प्रेम होने का खुलासा किया था, जिसके बाद से उनकी तरफ लोगों का व्यवहार बदल गया, हालांकि दुती ने कहा कि उनको इससे फर्क नहीं पड़ता।
भारत की सबसे तेज महिला धाविका मानी जाने वाली चौबीस साल की दुती ने समलैंगिक संबंध रखने वालों को साहस दिखाने को कहा। हैदराबाद में अमेरिकी वाणिज्य दूत जोएल रीफमैन के साथ आनलाइन बातचीत के दौरान दुती ने कहा, ‘किसी को भी कभी भी और किसी से भी प्यार हो सकता है। कोई भी ऐसा करने से पहले जात, धर्म या लिंग के बारे में फैसला नहीं करता।’
दुती ने किया था बड़ा खुलासा
पिछले साल मई में दुती ने खुलासा किया था कि वह ओडिशा में अपने ही गांव की महिला से प्यार करती हैं। उन्होंने कहा था कि लोगों से निजी जिंदगी छिपाने से बेहतर है कि चीजों का खुलासा कर दिया जाए। उन्होंने कहा, ‘मेरी जोड़ीदार ने हमेशा मेरा समर्थन किया और मैंने उसे अपने जीवन के लिए चुना है। लोग हमें अलग नजरिये से देख सकते हैं और समलैंगिक कह सकते हैं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि हमें अपना जीवन एक दूसरे के साथ बिताना है।’
परिवार ने जताई थी आपत्ति, बहन ने रिश्ता तोड़ने की धमकी दी थी
दुती के परिवार ने इस रिश्ते पर आपत्ति जताई थी और उनकी बड़ी बहन ने तो उनसे रिश्ता तोड़ने तक की धमकी दी थी लेकिन दुती झुकी नहीं और उस महिला के साथ ही आगे बढ़ने की इच्छा जताई। उन्होंने कहा, ‘जो भी प्यार करते हैं लेकिन दुनिया से डरते हैं उन्हें साहस दिखाना चाहिए क्योंकि दुनिया हर अच्छी चीज को स्वीकार करने में समय लेती है।’ दुती ने कहा, ‘इसलिए कृपया करके डरे नहीं क्योंकि यह आपका जीवन और आपकी खुशी है।’
खुलासे के बाद भी जारी रहा कमाल
सार्वजनिक तौर पर खुलासा करने के बाद बेशक लोगों का नजरिया बदल गया लेकिन दुती चंद पर ज्यादा फर्क नहीं पड़ा और उन्होंने अपनी मेहनत जारी रखी, जिसके नतीजे भी मैदान पर नजर आए। विश्व विश्वविद्यालय खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला ट्रैक एवं फील्ड खिलाड़ी बनी थी। उन्होंने 100 मीटर बाधा दौड़ का खिताब 11.32 सेकेंड के समय के साथ जीता था। दुती महिला 100 मीटर में 11.26 सेकेंड के समय के साथ राष्ट्रीय रिकॉर्ड धारक हैं।