- इंग्लैंड और इटली के बीच यूरो कप 2020 का फाइनल
- ल्यूक शॉ ने मैच के तीसरे ही मिनट में गोल दागकर इंग्लैंड को बढ़त दिलाई
- इटली ने पेनल्टी शूटआउट में इंग्लैंड को 3-2 से मात दी
वेंबले: इटली ने रविवार को इंग्लैंड को पेनल्टी शूटआउट में 3-2 से हराकर इतिहास रच दिया। इटली ने 1968 के बाद पहली बार यूरो कप खिताब जीता। वह 2000 और 2012 में फाइनल में जरूर पहुंचा था, लेकिन ट्रॉफी जीतने से चूक गया था। इटली ने आखिरकार 53 साल का सूखा खत्म करते हुए दूसरी बार यूरो कप खिताब जीता।
वेंबले स्टेडियम में खेले गए यूरो कप 2020 फाइनल में इंग्लैंड और इटली निर्धारित 90 मिनट तक 1-1 की बराबरी पर थे। इसके बाद अतिरिक्त समय में मैच गया, लेकिन कोई टीम गोल करने में कामयाब नहीं हुई। फिर पेनल्टी शूटआउट के जरिये नतीजा निकला। यूरो कप के इतिहास में यह दूसरा मौका है जब फाइनल का नतीजा पेनल्टी शूटआउट के जरिये निकला।
बता दें कि इंग्लैंड ने तीसरे मिनट में ल्यूक शॉ के गोल की बदौलत अपना खाता खोलते हुए 1-0 की बढ़त बना ली थी। इसके बाद 67वें मिनट में लियोनार्डो बोनूकी ने गोल करके इटली को 1-1 की बराबरी दिलाई।
पेनल्टी शूटआउट का ऐसा रहा हाल
- पहली पेनल्टी (इटली) - डोमेनिको बेरार्डी ने गोल किया।
- पहली पेनल्टी (इंग्लैंड) - कप्तान हैरी केन ने गोल किया। स्कोर 1-1 से बराबर।
- दूसरी पेनल्टी (इटली) - एंड्रिया बेलोटीम गोल नहीं कर सके। इंग्लैंड के गोलकीपर का शानदार बचाव।
- दूसरी पेनल्टी (इंग्लैंड) - हैरी मैगुइरे ने गोल किया। इंग्लैंड 2-1 से आगे।
- तीसरी पेनल्टी (इटली) - लियोनार्डो बोनूकी ने गोल किया। स्कोर 2-2 से बराबर।
- तीसरी पेनल्टी (इंग्लैंड) - मार्कस रैशफोर्ड का वार खाली गया। रैशफोर्ड का शॉट गोलपोस्ट पर लगकर बाहर गया। स्कोर 2-2।
- चौथी पेनल्टी (इटली) - फेडेरिको बर्नाडेस्ची ने गोल किया। इटली 3-2 से आगे।
- चौथी पेनल्टी (इंग्लैंड) - जाडोन सांचो की पेनल्टी बचाई गई। गोलकीपर ने बाएं ओर डाइव लगाकर शानदार बचाव किया। स्कोर 3-2 इटली के पक्ष में।
- पांचवीं पेनल्टी (इटली) - जोर्गिन्हो के शॉट को रोका गया। स्कोर 3-2 से इटली के पक्ष में।
- पांचवीं पेनल्टी (इंग्लैंड) - बूकायो साका का शॉट रोका गया।
खास बातें
इसी के साथ इटली के अजेय सफर जारी रहा। उसकी लगातार 34वीं जीत रही। इटली ने 2006 के बाद से पहला प्रमुख खिताब जीता है। तब उसने विश्व कप खिताब अपने नाम किया था। वैसे, इंग्लैंड के खिलाफ इटली ने अपना रिकॉर्ड और बेहतर कर लिया है। दोनों टीमों के बीच अब तक 28 मैच खेले गए, जिसमें से इटली की यह 12वीं जीत रही। इंग्लैंड ने 8 मैच जीते जबकि 8 मैच ड्रॉ रहे हैं।
यह इटली का 10वां प्रमुख फाइनल रहा (6 वर्ल्ड कप, 4 यूरो)। वह यूरोपी देशों में सबसे ज्यादा बार फाइनल में पहुंचने वाली दूसरी टीम है। यह रिकॉर्ड जर्मनी (14) के नाम दर्ज है। इटली कभी प्रमुख टूर्नामेंट में इंग्लैंड (4 जीत, 1 ड्रॉ) से नहीं हारा और यह सिलसिला आज भी जारी रहा। इटली ने यूरो 2020 फाइनल में पेनल्टी शूटआउट के जरिये इंग्लैंड को 3-2 से हराया। इससे पहले 1990 और 2014 विश्व कप में 2-1 के अंतर से जीत दर्ज की। यूरो 2012 में गोलरहित ड्रॉ रहने के बाद पेनल्टी में 4-2 से मैच जीता था।
वेंबले स्टेडियम में 66, हजार दर्शकों की उपस्थिति में खेले गए मुकाबले में इंग्लैंड ने शुरूआती मिनट से ही अपने इरादे जाहिर कर दिए थे और विरोधी टीम पर आक्रमण करना शुरू कर दिया था।
इसका असर तीसरे ही मिनट में देखने को मिला जब हैरी केन ने दाएं ओर किरान ट्रिपर को पास दिया। ट्रिपर ने गेंद को हवा में खेला और पीछे से ल्यूक शॉ ने तेजी से दौड़ लगाई व किक जमाकर गोल दाग दिया। ल्यूक शॉ का यह पहला गोल रहा, जो इसलिए भी खास बन गया क्योंकि यूरोपीयन चैंपियनशिप फाइनल में यह सबसे जल्द जमाया गया गोल रहा।
तीसरे ही मिनट में पिछड़ जाने का दबाव इटली पर साफ दिखा। उसके खिलाड़ियों में पास देने के तालमेल की कमी भी नजर आई। यही वजह रही कि विरेटा, डिफेंडर बोकूनी और चिसे ने काफी दूर से जोरदार किक जमाकर गोल करने का प्रयास किया, जो विफल रहा। 22वें मिनट में इटली की मुसीबत बढ़ी जब जोर्गिनो को उपचार की जरूरत पड़ गई। हालांकि, इटली के लिए राहत की खबर यह रही कि चेल्सी का मिडफील्डर दोबारा खेलने जल्दी आ गया।
इसके बाद हाफ टाइम तक दोनों टीमों के बीच गेंद को लेकर घमासान हुआ। इटली के पास ज्यादा देर गेंद नजर आई, लेकिन वह इसका फायदा नहीं उठा पाया। हाफ टाइम तक इंग्लैंड के पक्ष में 1-0 से स्कोर रहा।
हाफ टाइम के बाद छाया रहा इटली
हाफ टाइम के बाद इटली के दो खिलाड़ियों को निकोला बरेला और बोनूकी को रेफरी ने पीला कार्ड दिखाया। 56वें मिनट के बाद अचानक ही इटली के खेल में पूरी तरह बदलाव आ गया। उसका आक्रमण इतना तेज रहा कि इंग्लैंड के गोलकीपर के दो बचाव को फैंस याद ही नहीं रख पाए। 67वें मिनट में इटली ने लियोनार्डो बोनूकी के गोल की बदौलत स्कोर 1-1 से बराबर कर दिया। इस टूर्नामेंट में इंग्लैंड ने पहली बार खुले क्षेत्र से गोल झेला। इंग्लैंड के कोच साउथगेट ने फिर किरान ट्रिपर की जगह बुकायो साका को मैदान में भेजा।
इन आंकड़ों ने यूरो कप 2020 फाइनल को बनाया खास
- इटली ने यूरोपीय देशों में छठा प्रमुख टूर्नामेंट खिताब (4 वर्ल्ड कप, 2 यूरो) जीता। सिर्फ जर्मनी (7) ही इटली से आगे है।
- इटली ने 53 साल बाद दूसरी बार यूरो कप खिताब जीता। यह किसी भी टीम के लिए यूरो कप इतिहास में सबसे बड़ा अंतराल है।
- यूरो कप में दूसरी बार फाइनल क नतीजा पेनल्टी शूटआउट से निकला। इससे पहले 1976 में ये कमाल हुआ था।
- 34 साल और 71 दिन की उम्र गोल करके लियोनार्डो बोनूकी यूरो फाइनल में गोल करने वाले सबसे उम्रदराज खिलाड़ी बने। उन्होंने बर्नड होलजेनबिन का रिकॉर्ड तोड़ा। 1976 में होलजेनबिन की उम्र 30 साल और 103 दिन थी।
- ल्यूक शा ने देश के लिए अपना पहला गोल दागा, जो यूरोपीयन चैंपियनशिप्स फाइनल में सबसे जल्दी किया गया गोल बना।
- जियोर्जियो छिलेनी यूरो फाइनल में कप्तान के रूप में शुरूआत करने वाले सबसे उम्रदराज खिलाड़ी बने। उनकी उम्र 36 साल और 331 दिन रही।
- 19 साल और 309 दिन की उम्र में बूकायो साका यूरोपीयन चैंपियनशिप्स फाइनल में दिखने वाले चौथे सबसे युवा खिलाड़ी बने।