- इंग्लिश प्रीमियर फुटबॉल लीग (ईपीएल) का चीन पर वार
- ईपीएल ने चीनी कंपनी से अपना करार तोड़ा
- स्ट्रीमिंग सर्विस पीपीटीवी से करार खत्म किया
लंदन: पूरी दुनिया में कोरोना वायरस फैल चुका है और अब तक लाखों लोग इससे अपनी जान गंवा चुके हैं। कोरोना वायरस जिस देश में शुरू होकर पूरी दुनिया में फैला, वो है चीन। इसको लेकर पूरी दुनिया में गुस्सा है और इसका असर अलग-अलग तरह से सामने भी आ रहा है। भारत सहित कई देशों ने चीन के साथ आर्थिक रिश्तों में भारी कटौती की है। अब खबर आ रही है कि सबसे प्रतिष्ठित फुटबॉल लीग- इंग्लिश प्रीमियर लीग (ईपीएल) - ने भी चीनी स्ट्रीमिंग सर्विस को छोड़ने का फैसला किया है।
इंग्लिश प्रीमियर फुटबॉल लीग ने गुरूवार को चीनी ‘स्ट्रीमिंग सर्विस’ पीपीटीवी से करार खत्म कर दिया और इसके लिये उसने कोई कारण भी नहीं बताया। ये करार तीन साल का था और इसे एक सत्र के बाद ही खत्म कर दिया गया।
ब्रिटिश अखबार ‘द डेली मेल’ की पिछले महीने की रिपोर्ट के अनुसार पीपीटीवी ने मार्च में 16 करोड़ पाउंड (20.9 करोड़ डॉलर) का भुगतान रोक दिया था। ऐसा तब हुआ जब कोरोना वायरस के कारण प्रीमियर लीग को निलंबित कर दिया गया था।
चीनी रिटेल जायंट सुनिंग पीपीटीवी की मालिक है और लीग का यह अनुबंध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सबसे लुभावने अनुबंध में से एक था जो करीब 55 करोड़ पाउंड (71.80 करोड़ डॉलर) का था।
आईपीएल में भी लिया गया एक्शन
इधर भारत में चीन को लेकर सरकार का एक्शन जारी है। भारत में चीन के प्रति गुस्सा सिर्फ कोविड-19 नहीं बल्कि बॉर्डर पर तनाव भी है। भारत ने तमाम बड़े चीनी एप्स पर प्रतिबंध लगाया जिससे चीन को भारी नुकसान हुआ है। इसके अलावा भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने भी एक्शन लिया और आईपीएल के मुख्य प्रायोजक वीवो से आईपीएल 2020 के लिए करार तोड़ दिया। वीवो भी एक चीनी मोबाइल कंपनी है।