- भारत 2026 में बीडब्ल्यूएफ वर्ल्ड चैंपियनशिप की मेजबानी करेगा
- 2009 के बाद 2026 में भारत में होगा प्रतिष्ठित बैडमिंटन चैंपियनशिप का आयोजन
- भारतीय बैडमिंटन संघ को भरोसा कि इससे विश्व महाशक्ति बनने में मदद मिलेगी
नई दिल्ली: विश्व बैडमिंटन महासंघ (बीडब्ल्यूएफ) ने भारत को 2026 में होने वाले प्रतिष्ठित बीडब्ल्यूएफ वर्ल्ड चैंपियनशिप की मेजबानी सौंपी है। इसकी आधिकारिक घोषणा मंगलवार को की गई। यह दूसरी बार होगा जब भारत इस प्रीमियम टूनार्मेंट की मेजबानी करेगा, जो ओलंपिक वर्ष को छोड़कर हर साल आयोजित किया जाता है। भारत ने हैदराबाद में साल 2009 में अंतिम बार बीडब्ल्यूएफ विश्व चैंपियनशिप की मेजबानी की थी।
इसके बाद भारत ने 2014 थॉमस और उबेर कप फाइनल, एशियाई चैंपियनशिप के अलावा वार्षिक बीडब्ल्यूएफ सुपर 500 इवेंट, योनेक्स-सनराइज इंडिया ओपन सहित विभिन्न प्रमुख बैडमिंटन टूनार्मेंटों की मेजबानी की है।
भारतीय बैडमिंटन संघ के अध्यक्ष हिमंत बिस्वा सरमा को विश्वास है कि 2026 में विश्व चैम्पियनशिप की मेजबानी से भारतीय बैडमिंटन को विश्व महाशक्ति बनने की दिशा में बड़ा कदम उठाने में मदद मिलेगी। सरमा ने कहा, इस कद के टूनार्मेंट की मेजबानी बैडमिंटन और भारतीय बैडमिटन संघ के साथ-साथ देश के लिए भी एक बड़ी उपलब्धि होगी।
हाल ही में 2021-24 की अवधि के लिए बीडब्ल्यूएफ परिषद के सदस्य के रूप में भी चुने गए सरमा ने आगे कहा, हम बैडमिंटन के सबसे प्रतिष्ठित और प्रमुख टूनार्मेंट की मेजबानी भारत को सौंपने के लिए बीडब्ल्यूएफ के आभारी हैं। मेरा मानना है कि इस चैम्पियनशिप के माध्यम से भारत में विश्व स्तरीय शटलरों के भाग लेने से न केवल खेल के प्रति उत्साही लोगों के लिए एक महान अवसर पैदा होगा बल्कि इससे देश में इस खेल के विकास को भी नई दिशा मिलेगी।
कोरोना वायरस महामारी ने 2020 में खेल गतिविधियों पर पूरी तरह रोक लगा दी थी। इसने बीडब्ल्यूएफ को भी अपने अंतर्राष्ट्रीय टूनार्मेंट कैलेंडर में भी बदलाव के लिए बाध्य किया। खेल के शासी निकाय को 2021 सुदीरमन कप को सूजौ, चीन से वंता, फिनलैंड में स्थानांतरित करने के लिए बाध्य होना पड़ा। इसी तरह 2023 सुदीरमन कप जो मूल रूप से भारत को आवंटित किया गया था, अब सूजौ, चीन में आयोजित किया जाएगा।
भारतीय बैडमिंटन संघ (बीएआई) के महासचिव अजय के. सिंघानिया ने कहा, टूनार्मेंटों के लगातार रद्द होने और महामारी के कारण इनके लिए विश्व स्तर पर मंच पर उपलब्ध नहीं होने के कारण बीडब्ल्यूएफ एक वैकल्पिक प्रस्ताव के साथ हमारे पास पहुंचा था। बीएआई में हमने महसूस किया कि यह देश के साथ-साथ बैडमिंटन बिरादरी के लिए एक महान अवसर था।
भारत ने अब तक 10 विश्व चैंपियनशिप पदक जीते हैं, जिसमें मौजूदा चैंपियन पीवी सिंधु एक स्वर्ण, दो रजत और दो कांस्य पदक के साथ शीर्ष पर हैं, जबकि प्रकाश पादुकोण ने 1983 में विश्व चैंपियनशिप में भारत के लिए पहला पदक जीता था। टोक्यो ओलंपिक खेलने जा रहे बी साई प्रणीत ने साल 2019 में स्विट्जरलैंड के बासेल में पुरुष एकल विश्व चैंपियनशिप कांस्य पदक के साथ 36 साल के लंबे इंतजार को समाप्त कर दिया था।
इसके अलावा, 2012 ओलंपिक पदक विजेता सायना नेहवाल ने क्रमश: 2015 और 2017 संस्करणों में रजत और कांस्य जीता था, जबकि अश्विनी पोनप्पा और ज्वाला गुट्टा की महिला युगल जोड़ी ने 2011 में लंदन में कांस्य पदक जीता था।