मुख्य बातें
- टोक्यो ओलंपिक्स में इन भारतीय महिला एथलीट्स से मेडल की उम्मीद
- टोक्यो ओलंपिक्स 23 जुलाई से 8 अगस्त 2021 तक होना है
- भारतीय फैंस को इन महिला एथलीट्स से बहुत उम्मीद है
नई दिल्ली: टोक्यो ओलंपिक्स इस साल 23 जुलाई से 7 अगस्त 2021 तक आयोजित होना है। भारत की तरफ से कई एथलीट पहले ही इस भव्य टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई कर चुके हैं। अभी और भी एथलीट्स का क्वालीफाई हुआ जाना बाकी है। बहरहाल, आज हम आपको उन महिला एथलीट्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनसे देश को टोक्यो ओलंपिक्स में पदक की आस है। इन महिला एथलीटों का दुनियाभर में दबदबा है और ये मेडल जीतने के प्रबल दावेदार बने हुए हैं। चलिए इन महिला एथलीट्स पर नजर डालते हैं।
टोक्यो ओलंपिक्स में मेडल की दावेदार भारतीय महिला एथलीट्स
- पीवी सिंधू - 2016 रियो ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीतने वाली पीवी सिंधू देश में रातों-रात सनसनी बनीं। हैदराबाद में जन्मीं सिंधू ने पिछले चार सालों में धमाकेदार प्रदर्शन किया और अब उन्हें घर-घर में पहचाना जाने लगा है। सिंधू ने भारत के लिए ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल की। 2018 कॉमनवेल्थ गेम्स में सिंधू ने मिक्स्ड टीम इवेंट में गोल्ड जबकि महिला सिंगल्स में सिल्वर मेडल जीता। 2018 एशियाई गेम्स में फिर सिंधू ने सिल्वर मेडल जीता। 2019 बीडब्ल्यूएफ विश्व चैंपियनशिप में सिंधू ने इतिहास रचते हुए खिताब जीता। 25 साल की पीवी सिंधू से टोक्यो ओलंपिक्स में मेडल की उम्मीद की जा रही है। सिंधू के प्रदर्शन को देखते हुए देशवासियों को अपेक्षा है कि बैडमिंटन में भारत को मेडल मिलना तय है।
- मनु भाकर - 2017 में मनु भाकर ने इंटरनेशनल स्तर पर पहली बार सफलता चखी जब उन्होंने एशियाई जूनियर चैंपियनशिप का खिताब जीता। इसके बाद मनु ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। भाकर ने 2018 कॉमनवेल्थ गेम्स में खिताब विजयी प्रदर्शन किया और आईएसएसएफ वर्ल्ड कप व 2018 यूथ ओलंपिक्स में मेडल जीतकर दुनिया में सर्वश्रेष्ठ पिस्टल शूटर के रूप में खुद को स्थापित किया। मनु भाकर ने 2019 में पांच आईएसएसएफ विश्व कप मेडल जीते और फिर एशियाई शूटिंग चैंपियनशिप में भी दो मेडल जीते। 2019 में मनु भाकर ने 10 मीटर एयर पिस्टल शूटर के रूप में ओलंपिक कोटा हासिल किया। 17 साल की मनु भाकर को विश्वास है कि वह टोक्यो ओलंपिक्स में 25 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में भारत को मेडल दिलाएंगी।
- साईखोम मीराबाई चानू - रियो ओलंपिक्स में सफलता का स्वाद नहीं चख पाईं मीराबाई चानू के इस बार हौसले बुलंद हैं। मीराबाई ने 2017 विश्व भारोत्तोलन चैंपियनशिप्स में गोल्ड मेडल जीता, जहां उन्होंने रिकॉर्ड 194 किग्रा प्रतियोगिता का रिकॉर्ड भी बनाया। 2018 कॉमनवेल्थ गेम्स में मीराबाई चानू ने 196 किग्रा का कुल वजन उठाया और अपना ही सर्वश्रेष्ठ रिकॉर्ड तोड़ दिया। 2018 एशियाई गेमस में मीराबाई ने 199 किग्रा वजन उठाया, लेकिन फिर भी ब्रॉन्ज मेडल जीतने से चूक गईं थीं। 2019 विश्व वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप्स में मीराबाई 201 किग्रा वजन उठाने के बावजूद चौथे स्थान पर रहीं। 25 साल की मीराबाई चानू से फैंस को उम्मीद है कि टोक्यो ओलंपिक्स में वह देश का नाम जरूर रोशन करेंगी और मेडल जीतेंगी।
- एमसी मैरीकॉम - भारत की सर्वश्रेष्ठ महिला बॉक्सर एमसी मैरीकॉम आखिरी बार ओलंपिक्स में शिरकत करते हुए मेडल जीतना चाहेंगी। मैरीकॉम ने 2012 लंदन ओलंपिक्स में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर इतिहास रचा था क्योंकि वो ऐसा करने वाली देश की पहली महिला मुक्केबाज बनी थीं। मैरीकॉम भले ही रियो ओलंपिक्स के लिए क्वालीफाई नहीं कर सकी, लेकिन इतने सालों में उन्होंने जबर्दस्त प्रदर्शन किया है। एमसी मैरीकॉम तब चर्चा में ज्यादा आईं जब एआईबीए वर्ल्ड चैंपियनशिप्स में आठ मेड जीतने वाली पहली मुक्केबाज बनीं। मैरीकॉम अपने आखिरी ओलंपिक्स में सबकुछ दांव पर लगाकर देश को गोल्ड मेडल दिलाना चाहती हैं।
- सानिया मिर्जा - सानिया मिर्जा ने देशवासियों को यह कहकर खुश कर दिया कि उनका पूरा ध्यान आगामी टोक्यो ओलंपिक्स पर लगा है। रियो में ब्रॉन्ज मेडल मुकाबला हारने वाली सानिया मिर्जा ने कहा कि अब चीजें बदल चुकी हैं। 2018 में सानिया मिर्जा ने गर्भवती होने के कारण दो साल तक टेनिस कोर्ट से दूरी बनाए रखी। मगर अब वह कोर्ट पर लौट आई हैं और कतर ओपन के सेमीफाइनल में हारकर बाहर हुईं। सानिया ने छह ग्रैंड स्लैम खिताब जीते हैं और टोक्यो ओलंपिक्स में वह मेडल जीतकर देश के लोगों को खुश करना चाहेंगी।
- विनेश फोगाट - रियो ओलंपिक्स में चोटिल होकर बाहर हुई विनेश फोगाट इस समय जबर्दस्त लय में हैं। उन्होंने दो सप्ताह में दो गोल्ड मेडल जीते हैं। इसके अलावा 2018 कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियाई गेम्स में विनेश फोगाट ने गोल्ड मेडल जीते थे। रेसलिंग जगत को उम्मीद है कि विनेश फोगाट आगामी ओलंपिक्स में भारत को मेडल जरूर दिलाएंगी। विनेश फोगाट को भारत की सबसे प्रभावशाली महिला रेसलर्स में से एक माना जाता है और वह खुद भी मेडल जीतने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती हैं। विनेश फोगाट इस समय अच्छी लय में हैं और ओलंपिक्स में वो इसे बरकरार रखते हुए मेडल जीतना चाहती हैं।