- सोर्ड मारिन का कार्यकाल खत्म हो चुका है
- मारिन के रहते टीम ने अच्छा प्रदर्शन किया
- मारिन साल 2017 में टीम के कोच बने थे
नई दिल्ली: महिला हॉकी टीम के पूर्व कोच सोर्ड मारिन का पूर्ण वेतन हॉकी इंडिया की सिफारिश के बाद रोक दिया गया क्योंकि उन्हें आधिकारिक लैपटॉप नहीं लौटाने के कारण ‘अनापत्ति पत्र’ (एनओसी) नहीं दिया। नीदरलैंड के मारिन के अनुसार यह लैपटॉप अब भारत पहुंचने वाला है। भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) के सूत्रों के अनुसार मारिन का छह दिन का वेतन (जो 1800 डॉलर) है, रोक दिया गया है। उनका कार्यकाल भारतीय महिला टीम के टोक्यो ओलंपिक खेलों में चौथे स्थान पर रहने के बाद समाप्त हो गया था।
'अगस्त में टूट गया था लैपटॉप'
साइ के सूत्रों ने कहा कि हॉकी इंडिया ने लैपटॉप के संबंध में रिपोर्ट किया क्योंकि इसमें महिला हॉकी टीम के सदस्यों का सारा ‘डाटा’ मौजूद था। डेन बॉश में बसे मारिन ने कहा कि वह इसे ठीक करवाने के लिये ले गये थे क्योंकि यह अगस्त में टूट गया था और अब इसे वापस भेज दिया है। साइ के सूत्र ने पीटीआई से कहा, '31 जुलाई 2021 तक उनके सारे भत्तों को भुगतान कर दिया गया है और उनकी एक से छह अगस्त के बीच हमारे साथ काम करने की 1800 डॉलर की राशि लंबित है जिसका हम अनुबंध के अनुसार आधिकारिक लैपटॉप मिलने के बाद भुगतान कर देंगे।'
'लैपटॉप मिलने पर होगा भुगतान'
उन्होंने कहा, 'साइ ने हॉकी इंडिया से आधिकारिक सूचना मिलने के बाद ही उनका वेतन रोका जिन्होंने हमें उन्हें एनओसी नहीं देने की सलाह दी क्योंकि उन्होंने अभी तक आधिकारिक लैपटॉप जमा नहीं किया था।' साइ सूत्र ने हालांकि कहा कि जैसे ही उन्हें आधिकारिक लैपटॉप मिल जायेगा, वे उनका भुगतान कर देंगे। जब मारिन से नीदरलैंड के डेन बॉश में पीटीआई ने संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अगले हफ्ते तक उनका पूर्व नियोक्ता पूर्ण भुगतान कर देगा। उन्होंने कहा, 'अगर आप मेरे भुगतान के बारे में पूछोगे तो कुछ राशि अब भी साइ के साथ लंबित है। लेकिन मैं लगातार साइ अधिकारियों के साथ संपर्क में हूं और उन्होंने मुझे आश्वस्त किया है कि जैसे ही उन्हें लैपटॉप मिल जायेगा वे भुगतान पूरा कर देंगे।'