- गलवान घाटी हिंसा को लेकर भारत में चीन विरोधी माहौल गर्माया
- भारतीय ओलंपिक संघ चीनी उत्पादों व प्रायजकों का बहिष्कार करने को तैयार
- आईओए के अधिकारियों ने जताया अपना गुस्सा
नई दिल्लीः देश भर में चीन को लेकर गुस्सा अब बढ़ता जा रहा है। गलवान घाटी में भारतीय सेना से झड़प और भारतीय सैनिकों की शहादत को लेकर सब नाराज हैं। ऐसे में अब चीन से बनकर आने वाले सामानों का विरोध करने व उन्हें त्यागने की लहर तेजी पकड़ रही है। ताजा खबर खेल जगत से है। भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) अब चीनी उत्पादों और चीनी प्रायजकों का विरोध करने के लिए कमर कस चुका है।
सीमा पर गलवान में भारत-चीन सैन्य तनाव के बाद चीन विरोधी माहौल गर्म है। चार दशक से ज्यादा समय में पहली बार भारत चीन सीमा पर हुई हिंसा में कम से कम 20 भारतीय जवान शहीद हो गए। आईओए महासचिव राजीव मेहता ने कहा कि वे देश के साथ है और ‘लि निंग’ जैसे चीनी प्रायोजकों का बहिष्कार करने को तैयार है जिसके साथ तोक्यो ओलंपिक तक का करार है।
देश सबसे ऊपर है
राजीव मेहता ने कहा, ‘हमारा लि निंग के साथ किट साझेदार के तौर पर तोक्यो ओलंपिक तक का करार है लेकिन देश सर्वोपरि है और आईओए भी अलग नहीं है। यदि सदस्यों को ऐसा लगता है तो हम यह फैसला ले सकते हैं। आईओए देश के साथ है।’
मई 2018 में हुआ था ये करार
आईओए कोषाध्यक्ष आनंदेश्वर पांडे ने कहा, ‘मेरा मानना है कि देश के जज्बात को समझते हुए आईओए को लि निंग से करार तोड़ देना चाहिये।’ आईओए ने लि निंग के साथ मई 2018 में अनुबंध किया था जिसके तहत यह चीनी कंपनी भारतीय खिलाड़ियों को पांच से छह करोड़ रूपये की किट मुहैया करायेगी। भारत में चीनी उत्पादों का इस्तेमाल बड़ी संख्या में होता है लेकिन अब ऐसा लगता है कि चीन की हरकतों से नाराज देशवासियों ने अब उसके सामान का बहिष्कार करते हुए उसे आर्थिक चोट पहुंचाने का फैसला ले लिया है।