- एमसी मैरीकॉम चोटिल हो गई हैं
- वह कॉमनवेल्थ गेम्स में नहीं खेलेंगी
- मैरीकॉम ने 2018 में गोल्ड जीता था
नई दिल्ली: बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में भाग लेने का अनुभवी भारतीय मुक्केबाज एमसी मैरीकॉम का सपना शुक्रवार को टूट गया जब घुटने में चोट लगने के बाद उन्हें 48 किग्रा के ट्रायल के बीच में ही हटने के लिए मजबूर होना पड़ा। छह बार की विश्व चैंपियन 48 किग्रा सेमीफाइनल के पहले राउंड में अपना बांया घुटना मुड़ा बैठीं। इससे वह राष्ट्रमंडल खेलों में नहीं खेल पायेंगी जिसमें वह पिछले 2018 चरण में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला मुक्केबाज बनी थीं। उनके हटने से हरियाणा की नीतू ने यहां इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में राष्ट्रमंडल खेलों के ट्रायल के फाइनल में प्रवेश किया।
मैरीकॉम ने कहा ,‘‘इसके लिये बहुत मेहनत कर रही थी। यह बदकिस्मती है। मुझे पहले कभी घुटने में चोट नहीं लगी।’’ भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) ने एक बयान में कहा, ‘‘छह बार की विश्व चैम्पियन मैरीकॉम शुक्रवार को लगी चोट के कारण 2022 राष्ट्रमंडल खेलां के लिये चल रहे महिला मुक्केबाजी ट्रायल्स से हट गयी हैं।’’ लंदन ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता मैरीकॉम को बाउट के पहले ही दौर में रिंग में गिर गयी। 39 साल की इस खिलाड़ी ने उठ कर प्रतिस्पर्धा करने की कोशिश की लेकिन एक दो मुक्का लगने के बाद उनका संतुलन बिगड़ गया और वह बायां पैर पकड़ कर बैठ गयी।
उन्हें इसके बाद रिंग से बाहर जाना पड़ा और रेफरी ने नीतू को विजेता घोषित कर दिया। इस साल अपने पदार्पण में प्रतिष्ठित स्ट्रैंद्जा मेमोरियल टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक जीतने वाली नीतू का सामना अब राष्ट्रमंडल खेलों की टीम में जगह बनाने के लिये मंजू रानी से होगा। सबसे सफल भारतीय मुक्केबाज ने अगले महीने बर्मिंघम में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों पर ध्यान देने के लिए विश्व चैम्पियनशिप और एशियाई खेलों से नाम वापस ले लिया था। मणिपुर की इस मुक्केबाज के घुटने पर पट्टी बांधी गयी और स्कैन के लिय अस्पताल ले जाया गया।
मैरीकॉम का पिछला टूर्नामेंट टोक्यो ओलंपिक था जिसमें वह प्री क्वार्टर तक पहुंची थीं और कड़ी चुनौती देने के बाद हार गयी थीं। कई बार एशियाई स्वर्ण पदक विजेता मैरीकॉम ने अगले महीने बर्मिंघम में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों पर ध्यान लगाने के लिये पिछले महीने समाप्त हुई विश्व चैम्पियनशिप और स्थगित हुए एशियाई खेलों से भी हटने का फैसला किया था। राष्ट्रीय कोच भास्कर भट्ट ने कहा, ‘‘यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। लेकिन इसके बारे में कोई कयास नहीं लगा सकता। मैरी इस ट्रायल के लिये बहुत मेहनत कर रही थी।’’
विश्व चैम्पियन निकहत जरीन और टोक्यो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता लवलीना बोरगोहेन ने अपने वजन वर्गों में शानदार जीत दर्ज की। निकहत (50 किग्रा) ने अपनी शानदार फॉर्म जारी रखते हुए अनामिका को 7-0 से चित्त किया। वहीं लवलीना (70 किग्रा) ने भी सर्वसम्मत फैसले से असम की साथी मुक्केबाज अंकुशिता बोरो को इसी 7-0 के अंतर से पराजित किया। सभी चार वजन वर्गों - 48 किग्रा, 50 किग्रा, 60 किग्रा और 70 किग्रा - के फाइनल शनिवार को होंगे। राष्ट्रमंडल खेलों के लिये पुरूष टीम का चयन पहले ही किया जा चुका है।