नई दिल्ली: भारतीय बॉक्सिंग स्टार और 6 बार की विश्व चैंपियन एमसी मेरीकॉम को इस बार विश्व चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में हार मिली। इस हार के बाद उन्होंने विरोध दर्ज करने के नियम पर सवाल उठाए हैं। मेरीकॉम के मुताबिक इसके पीछे का तर्क उनकी समझ से बाहर है। गौरतलब है कि मेरीकोम का विरोध इसलिए दर्ज नहीं किया गया था क्योंकि वो 1-4 से हारी थीं।
खेल मंत्रालय के सम्मान समारोह कार्यक्रम में पहुंचीं एमसी मेरीकॉम ने कहा, ‘हमारे विरोध को इसलिए स्वीकार नहीं किया गया क्योंकि मैं 1-4 के फैसले से हारी थी। मुझे नहीं पता कि यह कैसा नियम है कि आप 1-4 से हारने के बाद विरोध नहीं दर्ज करा सकते।’ विश्व चैम्पियनशिप में रिकार्ड आठवां और 51 किग्रा में पहला पदक जीतने वाली इस स्टार मुक्केबाज ने कहा, ‘अगर जीत के हकदार को हरा दिया जाए तो यह खेल के लिए अच्छा नहीं होगा।’
मेरीकॉम को तुर्की की बुसेनाज काकिरोग्लू से 1-4 से पराजय झेलनी पड़ी। भारतीय दल ने इस फैसले का रिव्यू मांगा लेकिन अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ की तकनीकी समिति ने उनकी अपील खारिज कर दी। नियमों के मुताबिक फैसले पर विरोध तभी दर्ज किया जा सकता है जब वह 3-2 या 3-1 का होगा। उन्होंने कहा कि इस हार के बावजूद भी विश्व चैम्पियनशिप से उनका आत्मविश्वास बढ़ा है जिससे वह टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics 2020) में पदक जीत सकती हैं।
मेरीकॉम ने कहा, ‘सेमीफाइनल में हार के बाद भी विश्व चैम्पियनशिप आगे की तैयारियों के लिए अच्छी रही। मैं पूरी तरह से फिट थी और 51 किग्रा में अच्छे लय में थी। इससे मेरा आत्मविश्वास बढ़ा है और मैं ओलंपिक में बेहतर कर सकती हूं।’ इस मौके पर 48 किलोग्राम भारवार्ग में सिल्वर मेडल जीतने वाली मंजू रानी और ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली जमुना बोरो (54 किग्रा) तथा लवलीना बोरगोहेन (69 किलो) को भी सम्मानित किया गया।