- मिल्खा सिंह कोअस्पताल से छुट्टी दे दी गई है
- दिग्गज भारतीय धावक की हालत स्थिर है
- मिल्खा सिंह ऑक्सीजन सपोर्ट पर घर आए हैं
चंडीगढ़: कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद यहां एक अस्पताल में भर्ती दिग्गज धावक मिल्खा सिंह को ऑक्सीजन सपोर्ट पर होने के बाद भी रविवार को ‘स्थिर हालत’ में अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। भारत के 91 साल के इस पूर्व महान खिलाड़ी को परिवार के अनुरोध पर अस्पताल से छुट्टी दे दी गई जबकि 82 साल की उनकी पत्नी निर्मल कौर को शनिवार रात को ऑक्सीजन की बढ़ती जरूरत के चलते आईसीयू में भर्ती करना पड़ा था।
मिल्खा सिंह की पत्नी की हालत स्थिर बनी हुई
मोहाली के फोर्टिस अस्पताल से जारी जानकारी के मुताबिक कोविड-19 से जूझ रही उनकी पत्नी निर्मल कौर को शनिवार को ऑक्सीजन की जरूरत बढ़ने के बाद आईसीयू में ले जाया गया, जहां उनकी स्थिति स्थिर है। अस्पताल ने बताया, 'परिवार के अनुरोध पर मिल्खा सिंह को रविवार को स्थिर स्थिति में अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। वह ऑक्सीजन और पोषण संबंधी सपोर्ट पर है।' भारतीय वॉलीबाल टीम की पूर्व कप्तान निर्मल कौर के बारे में अस्पताल ने बताया, 'मिल्खा सिंह की पत्नी को ऑक्सीजन की बढ़ती जरूरत के चलते बीती रात आईसीयू में भर्ती करना पड़ा था। उनकी स्थिति स्थिर बनी हुई है।'
19 मई को पॉजिटिव पाए गए 'फ्लाइंग सिख’
अस्पताल ने पहले बताया था कि दोनों का कोविड-19 निमोनिया का इलाज चल रहा है। पिछले बुधवार (19 मई) को कोविड पॉजिटिव पाए जाने के बाद ‘फ्लाइंग सिख’ मिल्खा सिंह को सोमवार (24 मई) को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसके दो दिनों के बाद उनकी पत्नी को भी कोविड-19 जांच में पॉजिटिव आने के बाद उसी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
दंपति के बेटे और मशहूर गोल्फर जीव मिल्खा सिंह पिछले शनिवार को दुबई से चंडीगढ़ के आ गये थे जबकि अमेरिका में डॉक्टर उनकी बड़ी बहन मोना मिल्खा सिंह भी कुछ दिन पहले यहां पहुंच चुकी है।
ओलंपिक में पदक से चूक गए थे मिल्खा सिंह
मिल्खा सिंह के परिवार के जब सभी सदस्यों का वायरस के लिए परीक्षण किया गया था तो निर्मल कौर नेगेटिव आई थी। मिल्खा सिंह के नौकर भी कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे और आशंका है कि यह दंपत्ति उनके संपर्क में आने से कोविड-19 पॉजिटिव हो गया। एशियाई खेलों के चार बार के स्वर्ण पदक और राष्ट्रमंडल खेलों के चैम्पियन मिल्खा सिंह 1960 रोम ओलंपिक में 400 मीटर के फाइनल में मामूली अंतर से कांस्य पदक से चूक गए थे।