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पाकिस्तान का दिग्गज खिलाड़ी बना कोरोना का शिकार, लंदन में हुआ निधन

Updated Mar 30, 2020 | 00:12 IST

पाकिस्तान के दिग्गज स्क्वैश खिलाड़ी रहे आजम खान का लंदन में कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से निधन हो गया। दो बार उन्होंने ब्रिटिश ओपन का खिताब जीता था।

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Azam khan
मुख्य बातें
  • पाकिस्तान के दिग्गज स्क्वैश खिलाड़ी रहे आजम खान का 95 वर्ष की आयु में निधन
  • कोरोना वायरस के संक्रमण में आने से हुई मौत
  • दो बार जीता था ब्रिटेश ओपन स्कवैश का खिताब

कराची: पाकिस्तान के महान स्क्वाश खिलाड़ी आजम खान का लंदन में कोरोना वायरस के संक्रमण के चपेट में आने से निधन हो गया। वह 95 साल के थे। यह जानकारी उनके परिवार ने दी। पिछले सप्ताह जांच में वह कोविड-19 से संक्रमित पाये गये थे। शनिवार को लंदन के इलिंग अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। आजम को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ स्क्वाश खिलाड़ियों में से एक माना जाता है उन्होंने साल 1959 और 1961 में ब्रिटिश ओपन  खिताब जीता था।

आजम खान के पुत्र वसील खान ने उनके देहांत की खबर बताते हुए कहा, अस्पताल प्रशासन ने शनिवार दोपहर को उनके पिता के देहांत की सूचना दी। लंदन में हम सभी आइसोलेशन में हैं और ये खबर हमारे लिए बड़ा झटका है। आजम खान साठ के दशक में ही लंदन में रहने लगे थे। वो खान परिवार के उन सदस्यों में से एक थे जिसने अंतरराष्ट्रीय स्क्वैश में सालों राज किया। उनके भाई हाशिम खान स्क्वैश का ब्रिटश ओपन खिताब जीतने वाले पहले पाकिस्तानी थे। उन्होंने साल 1951 में ये खिताब अपने नाम किया था। आजम अपने भाई हाशिम से 11 साल छोटे थे लेकिन वो बाद उनकी विरासत को आगे लेकर गए। 

साल 1953 में गए थे ब्रिटेन 
हाशिम आजम के लिए पिता की तरह थे। वो उन्हें साल 1953 में ब्रिटेन लेकर गए थे। आजम महीनों से कड़ा अभ्यास कर रहे थे लेकिन उन्होंने थोड़ी मैच प्रैक्टिस की थी। लेकिन उन्हें जल्दी प्रतिस्पर्धी स्क्वैश का स्वाद चखने का मौका मिल गया। उनका मुकाबला रॉय विल्सन जैसे दिग्गज खिलाड़ी से हुआ जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा लेकिन वो मैच को पांच गेम तक खींचकर कड़ी टक्कर देने में सफल रहे थे। 

इसके बाद उनके भाई ने चाहा कि वो भी ब्रिटिश ओपन में हिस्सा लें लेकिन उस दौर में केवल टॉप 16 खिलाड़ी ही इसमें भाग ले सकते थे और आजम को नया खिलाड़ी होने की वजह से सीधे एंट्री मौका नहीं मिला। उन दिनों क्वालिफाइंग राउंड का प्रचलन भी नहीं था। लेकिन सौभाग्यवश और नाटकीय रूप से प्रोफेशल्स चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने के बाद उन्हें ब्रिटिश ओपन में खेलने में कानयाब हुए। 

उन्होंने दो बार खिताब अपने नाम किया। लेकिन बड़े बेटे के अचानक देहांत के बाद उनकी रुचि स्कवैश से खत्न हो गई। उन्होंने करियर में सात बार ब्रिटिश ओपन में भाग लिया और 2 बार खिताब अपने नाम किया।