- भारत ने हाल ही में थॉमस कप जीतकर इतिहास रचा़
- भारत ने इंडोनेशिया को शिकस्त देकर खिताब जीता
- भारत ने इंडोनेशिया को 3-0 के अंतर से से धूल चटाई
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने थॉमस कप जीतने के लिए भारतीय बैडमिंटन टीम को बधाई देते हुए कहा कि यह देश में खेल के इतिहास में एक स्वर्ण युग है और उन्होंने कहा कि वह अच्छी तरह से समझ सकते हैं कि यह मुकाम पाने के लिए टीम ने किस तरह के दबाव का सामना किया है। हाल ही में भारत ने 1952, 1955 और 1979 में सेमीफाइनल में पहुंचने के बाद बैंकॉक में अपना पहला थॉमस कप जीतने के लिए फाइनल में 14 बार के चैंपियन इंडोनेशिया को 3-0 से हराया था।
प्रधानमंत्री ने थॉमस कप विजेता टीम और उबेर कप टीम को बैडमिंटन की प्रमुख वैश्विक टीम स्पर्धाओं में उनके शानदार प्रदर्शन के बाद आमंत्रित किया और खिलाड़ियों ने उत्साहपूर्वक मोदी के साथ अपनी जीत के क्षणों को साझा किया है। पीएम ने कहा कि यह सवा सौ करोड़ भारतीयों के सपने को पूरा किया है, जिन्होंने इस पल के लिए सात दशकों तक इंतजार किया है, यह कोई छोटी उपलब्धि नहीं है।
मोदी ने कहा, "आप नहीं जानते कि आपने क्या हासिल किया है। जब आप इतने बड़े मंच पर सफलता पाते हैं, तो देश में खेल का पारिस्थितिकी तंत्र बदल जाता है। खेल संस्कृति को बड़े पैमाने पर बढ़ावा मिलता है। यह देश को आत्मविश्वास से भर देता है।" मोदी ने यह भी कहा कि भारतीय महिला टीम भले ही इस बार उबेर कप में पदक से चूक गई हो, लेकिन उन्हें विश्वास था कि वे अगली बार इसे जरूर जीतेंगी। महिला टीम में दो बार की ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधु भी शामिल थीं, क्वार्टर फाइनल में थाईलैंड से हार गईं थीं।
मोदी ने कहा, "हमारी महिला टीम ने बार-बार दिखाया है कि वे खिलाड़ी के रूप में कितनी अच्छी हैं और मैं इसे बहुत स्पष्ट रूप से देख सकता हूं कि यह केवल समय की बात है, यदि इस बार नहीं, तो निश्चित रूप से अगली बार विजेता होकर ही घर वापसी करेंगी।" प्रधानमंत्री ने कहा कि शटलरों के कारनामों से देश की उम्मीदें बढ़ गई हैं। उन्होंने कहा, "आपको याद रखना होगा कि जीत के बाद उम्मीदें बढ़ जाती है और प्रदर्शन करने का दबाव ही बढ़ेगा। यह कोई बुरी बात नहीं है। किसी को दबाव के आगे नहीं झुकना चाहिए, हमें दबाव को सकारात्मक ऊर्जा अपनी ताकत में बदलना होगा और मुझे विश्वास है कि आप इसे करेंगे।"
पीएम ने पिछले कुछ वर्षों में भारतीय खिलाड़ियों के प्रदर्शन की सराहना करते हुए कहा कि वे वास्तव में बड़े पैमाने पर सामने आए हैं और उन्होंने अपनी अपेक्षाओं को पार करने की कोशिश की है। पीएम ने इसे भारतीय खेलों का स्वर्ण युग करार दिया और मौजूदा एथलीटों को इसका श्रेय दिया। पीएम ने कहा, "यह भारतीय खेलों का स्वर्ण युग है, जिसके निमार्ता आप सभी और आपकी पीढ़ी के खिलाड़ी हैं।" उन्होंने यह भी कहा कि यह एक अलग स्तर पर प्रतिबद्धता लेने का समय है।
मोदी ने कहा, "हमें इस जीत की गति को जारी रखना है। हमें इसे नीचे नहीं जाने देना चाहिए। सरकार आपके प्रयास में कंधे से कंधा मिलाकर चलेगी, हर संभव मदद की जाएगी। मैं पूरे देश के एथलीटों को बताना चाहता हूं कि हमें यहीं रुकने की जरूरत नहीं है। हमें अपना लक्ष्य निर्धारित करना है और विजयी होकर स्वदेश लौटना है।"