- टोक्यो ओलंपिक 2020 जापान
- आईओसी ने मंगलवार को एक साल के लिए ओलंपिक स्थगित किए थे
- प्रदर्शनकारियों ने ओलंपिक को रद्द करने की मांग की
टोक्यो: मंगलवार को जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने टोक्यो ओलंपिक 2020 को लेकर अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक संघ (आईओसी) से बात की और फैसला लिया गया कि इस बार कोरोना वायरस के चलते ओलंपिक को स्थगित किया जाता है। ओलंपिक को एक साल के लिए स्थगित किया गया, यानी अब ये खेल अगले साल 2021 की गर्मियों में आयोजित होंगे। हालांकि अभी तक इसका कोई कार्यक्रम तो नहीं आया है लेकिन विरोध करने वाले एक बार फिर सामने खड़े हो गए हैं।
जापान में ओलंपिक स्थगित होने के बाद एक छोटा सा समूह ऐसा भी है जो खेलों को रद्द करने की मांग कर रहा है। जापान में ओलंपिक खेल विरोधी इस समूह ने ट्वीट किया ,‘हम स्थगन नहीं चाहते। हम चाहते हैं कि ये खेल रद्द हों।’ गौरतलब है कि ओलंपिक ही नहीं दुनिया कई अन्य खेलों के बड़े आयोजन भी वायरस महामारी के चलते स्थगित कर दिए गए हैं, अब ये कहना मुश्किल है कि ओलंपिक रद्द किए जाते हैं या नहीं क्योंकि आईओसी के बयान में साफ स्पष्ट किया गया है कि रद्द करने का सवाल नहीं उठता।
घोषणा के बाद प्रदर्शनकर्ताओं की भीड़ उमड़ी
मंगलवार को खेल स्थगित किये जाने की घोषणा के कुछ मिनट बाद ही चंद प्रदर्शनकर्ता शहर के बीच जमा हो गए। इनमें से एक तोशियो मियाजाकी ने कहा, ‘हम विभिन्न कारणों से हर महीने रैली कर रहे हैं। हमें खेलों के व्यवसायीकरण से चिढ़ है। हम टोक्यो ओलंपिक के खिलाफ हैं।’ टोक्यो स्थानीय प्रशासन के लिये काम करने वाले मियाजाकी ने कहा, ‘कोरोना वायरस के कारण खेल स्थगित हो गए हैं लेकिन जापान के लोगों को दोबारा सोचना चाहिये कि क्या ओलंपिक कराना वाकई जरूरी है।’
बेघरों से अस्थायी शिवर छीने गए'
प्रदर्शन में शामिल कुमिको सुडो को इस बात से नाराजगी है कि खेलों के लिये बुनियादी ढांचा खड़ा करने की कवायद में बेघरों से अस्थायी शिविर भी छीन लिये गए । जापान में इन खेलों को ‘रिकवरी ओलंपिक’ कहा जा रहा है जिसके जरिये यह दिखाना चाहते हैं कि भूकंप , सुनामी और परमाणु रिसाव की त्रासदी झेलने के बाद भी देश ओलंपिक का आयोजन कर पाने में सक्षम है। कुछ लोगों का हालांकि यह मानना है कि यह पैसा तबाही झेल चुके लोगों के काम आना चाहिये था।
क्या रद्द हो सकता है ओलंपिक?
जहां तक बात है ओलंपिक खेलों के रद्द होने की, तो इन खेलों को पहले भी रद्द किया जा चुका है। इससे पहले तीन बार ओलंपिक खेलों को रद्द किया जा चुका है। हालांकि तीनों ही बार ऐसा युद्ध की स्थिति में किया गया था।