- भारत सरकार द्वारा ट्रैवल एडवाइजरी जारी किए जाने के बाद भी सिंधू ने ऑल इंग्लैंड में खेलना जारी रखा
- गोपीचंद ने दी थी स्वदेश वापस लौटने की सलाह
- क्वार्टर फाइनल में जापानी खिलाड़ी के खिलाफ सिंधू को करना पड़ा हार का सामना
नई दिल्ली: भारत सरकार की यात्रा संबंधी पाबंदियों के बाद पीवी सिंधू को ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन चैम्पियनशिप से हटने का विकल्प दिया गया था लेकिन ओलंपिक रजत पदक विजेता ने कोविड-19 के बावजूद खेलने का फैसला किया। सरकार ने 11 मार्च को यात्रा संबंधी संशोधित परामर्श जारी किया था जिसके तहत अप्रैल तक सारे वीजा रद्द कर दिये गए थे। इसके साथ ही सभी भारतीयों को प्रभावित देशों से स्वदेश लौटने के लिये कहा गया था। इंग्लैंड कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित देशों में से है।
सिंधू के पिता पी वी रमन्ना ने कहा, '11 मार्च की रात को जब परामर्श जारी किया गया, अगले दिन सुबह गोपी (पुलेला गोपीचंद) ने हमसे कहा कि मैच नहीं खेलते हैं और वापिस जाते हैं। क्या ख्याल है?' उन्होंने कहा, 'सिर्फ सिंधू, लक्ष्य सेन, सिक्की रेड्डी और अश्विनी पोनप्पा दूसरे दौर में थे। हमने खेलने का फैसला किया। विमल ने भी कहा कि खेलते हैं। चूंकि हम पहले से वहां थे और एक दिन और रूकने से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला था।'
साइना नेहवाल, पारूपल्ली कश्यप और बी साइ प्रणीत पहले दौर से बाहर हो चुके थे। लक्ष्य दूसरे दौर में हार गया जबकि सिंधू क्वार्टर फाइनल में हारीं। रमन्ना ने कहा, 'इंग्लैंड में कोई मास्क नहीं पहन रहा था लेकिन हमने पहने। हमने सारी एहतियात बरती और खाने के समय ही मास्क उतारते थे। हमने लगातार तुलसी के पत्तों का गर्म पानी पीया।'
उन्होंने कहा, 'सिंधू और मैंने लौटने के बाद खुद को अलग कर लिया है। हम किसी से मिल नहीं रहे हैं। मेरी बड़ी बेटी घर के पास रहती है लेकिन हम उससे भी नहीं मिल रहे। सिंधू छत पर ही कसरत करती है और घर के पास जॉगिंग कर लेती है।'