- दुनियाभर के 15 देशों के 14 हजार धावक लेंगे इस स्पर्धा में भाग
- 3 लाख 84 हजार 400 किमी की दूरी 30 दिनों में दौड़कर साझा रूप से तय करने का रखा गया है लक्ष्य
- 21 जुलाई को चांद पर मानव के कदम रखने की 51वीं वर्षगांठ के साथ खत्म होगा ये फंडरेजिंग इवेंट
मुंबई: दुनियाभर को 15 देशों के तकरीबन 14 हजार धावक एक फंड रेजिंग इवेंट 'रन टू द मून' में हिस्सा लेंगे। इस इवेंट का उद्देश्य कोरोना संक्रमण के बाद उत्पन्न हुई स्थिति में खेलों से जुड़े कोच और स्पोर्ट्स सपोर्ट स्टाफ की मदद करना है। जिनकी आजीविका कोविड 19 महामारी के कारण सीधे तौर पर प्रभावित हुई है।
इस इवेंट में बैडमिंटन कोच पुलेला गोपीचंद, अर्जुन पुरस्कार विजेता अश्विनी नचप्पा और मालती होला भाग लेंगी। इस इवेंट का आयोजन इंसान की चांद पर पहुंचने की 51वीं वर्षगांठ के मौके पर हो रहा है। 21 जुलाई को यह समाप्त होगी। पूरी दुनिया के विभिन्न देशों में इसमें भाग लेने वाले प्रतिभागियों के लिए कुल मिलाकर 3,84,400 किमी की दूरी एक महीने दौड़कर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इतनी ही दूरी धरती और चंद्रमा के बीच है।
पुलेला गोपीचंद ने इस इवेंट के बारे में कहा, मौजूदा परेशानी ने खेल प्रशिक्षकों और स्पोर्ट्स स्टाफ पर बहुत असर डाला है। मैं इस इवेंट में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएं देना चाहता हूं जिन्होंने इस अच्छे काम में सहयोग दिया है। ऐसे विपरीत समय में 'रन टू द मून' एक सकारात्मक पहल है। मैं सभी प्रतिभागियों को इन 30 दिनों तक दौड़ने के लिए, फिट रहने और एक्टिव रहने के लिए प्रेरित करूंगा।'
इस स्पर्धा के लिए नामांकन करमे वाले व्यक्ति को अपनी पसंदीदा जगह पर कहीं भी दौड़ने की आजादी है।उन्हें प्रत्येक दिन दौड़ने की जरूरत नहीं होगी बल्कि एक महीने के दौरान कम से कम 65 किमी की दूरी अपनी भागीदारी को वैध कराने के लिए तय करनी होगी।
मुंबई के लिए रणजी ट्रॉफी खेल चुके आईडीबीआई फेडरल लाइफ इन्श्योरेंस के एमडी और सीईओ विग्नेश साहाने ने कहा, 'इस रेस से होने वाली आय कोचों और स्पोटर्स सपोर्ट स्टाफ की मदद के लिए दिया जाएगा। इनका योगदान भारतीय खेल जगत में अतुलनीय और हमें इनके लिए कुछ करते हुए हर्ष हो रहा है।'