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भारतीय टेनिस स्टार पृथ्वी का दर्द- 'जब मैंने डेफलंपिक्स में मेडल जीता, तो किसी ने बधाई तक नहीं दी'

Updated Dec 24, 2020 | 19:10 IST

Deaflympics medal winner Prithvi Sekhar reveals: भारत के टेनिस स्टार पृथ्वी शेखर ने अपना दर्द बताते हुए कहा है कि जब उन्होंने डेफलंपिक्स में मेडल जीता तो किसी ने बधाई तक नहीं दी।

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तस्वीर साभार:&nbspTwitter
Prithvi Sekhar

जयपुर: भारतीय टेनिस स्टार पृथ्वी शेखर ने खुलासा किया है कि 2017 में जब उन्होंने डेफलंपिक्स में पहला पदक जीता था, तो किसी ने उन्हें बधाई तक नहीं दी थी। शेखर ने 2017 समर डेफलंपिक्स में जाफरीन शेख के साथ मिलकर मिश्रित युगल में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रचा और भारत के लिए टेनिस में पहला डेफलंपिक्स पदक जीता था.

शेखर ने स्पोर्ट्स टाइगर के शो 'बिल्डिंग ब्रिज' में कहा, " जब मैंने 2017 में डेफलंपिक्स में पहला पदक जीता, तो किसी ने मुझे बधाई नहीं दी। केवल ओलंपिक और पैरालंम्पिक्स में ही खिलाड़ियों को समर्थन मिलता है।"

शेखर ने यह भी बताया कि उन्होंने अर्जुन पुरस्कार के लिए भी आवेदन किया था, लेकिन इस पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। उस वर्ष एक भी बधिर एथलीट को पुरस्कार नहीं मिला। 27 साल के पृथ्वी का जन्म चेन्नई में हुआ था, वे 2013 और 2017 मेंदो डेफलंपिक्स में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।

पृथ्वी ने 2013 मेंअपने पहले डेफलंपिक्स के बारे में बात की और बताया कि कैसे उनकी मां को 2013 में डेफलंपिक्स के बारे में पता चला और उनकी मां ने उन्हें औरंगाबाद में नेशनल्स में भेजा, जहां उन्होंने सिंगल के साथ-साथ डबल्स में भी में स्वर्ण पदक जीता और देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए भी चुने गए।

पृथ्वी ने कहा, "जब मैं वहां गया था, तो मैंसिंगल्स और डबल्स में गोल्ड जीतकर बहुत खुश था। मुझे इस बात पर गर्व था कि डेफलंपिक्स में खेलने के लिए भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए मुझे चुना गया।"