- भारत ने जापान को रोमांचक मैच में मात दी
- भारत पहले ही क्वार्टर फाइनल में जगह बना चुका है
- गुरजंत सिंह ने भारत की जीत में दो गोल का योगदान दिया
टोक्यो: गुरजंत सिंह के दो गोल की मदद से भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने पूल ए के अपने आखिरी मैच में शुक्रवार को यहां मेजबान जापान को 5-3 से हराकर क्वार्टर फाइनल से पहले आत्मविश्वास बढ़ाने वाली जीत दर्ज की। भारत की तरफ से हरमनप्रीत सिंह (13वें), गुरजंत सिंह (17वें और 56वें), शमशेर सिंह (34वें) और नीलकांत शर्मा (51वें मिनट) ने गोल किये। जापान की तरफ से केंता तनाका (19वें), कोता वतानबे (33वें) और काजुमा मुराता (59वें मिनट) ने गोल किये।
भारत पहले ही क्वार्टर फाइनल में अपनी जगह सुरक्षित कर चुका था लेकिन इस जीत से वह बढ़े मनोबल के साथ अंतिम आठ के मुकाबले में उतरेगा। भारत ने पूल चरण में जापान के अलावा न्यूजीलैंड, स्पेन और अर्जेंटीना को हराया लेकिन ऑस्ट्रेलिया से उसे हार का सामना करना पड़ा था।
इस तरह से भारत पूल ए में चार जीत और एक हार के साथ आस्ट्रेलिया के बाद दूसरे स्थान पर रहकर क्वार्टर फाइनल में पहुंचा। आस्ट्रेलिया की टीम चार जीत और एक ड्रा से पूल में शीर्ष पर रही। क्वार्टर फाइनल एक अगस्त को खेले जाएंगे। दोनों टीमों ने आक्रामक शुरुआत की और भारतीयों ने जापानी खिलाड़ियों की गति की बराबरी करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। जापान ने गोल करने का पहला सार्थक प्रयास किया जब 11वें मिनट वे भारतीय सर्कल में घुसे लेकिन यह हमला नाकाम कर दिया गया।
भारतीयों ने पहले क्वार्टर के आखिरी क्षणों में हमलावर तेवर अपनाये। मनप्रीत सिंह और गुरजंत सिंह के प्रयासों से भारत ने पहला पेनल्टी कार्नर हासिल किया और हरमनप्रीत ने इस पर गोल करके 13वें मिनट में टीम को बढ़त दिला दी। टोक्यो ओलंपिक में इस ड्रैगफ्लिकर का यह चौथा गोल है।
भारत ने दूसरे क्वार्टर की शुरुआत भी आक्रामक रवैये के साथ की जिसका उसे तुरंत लाभ भी मिला। सिमरनजीत सिंह और गुरजंत गेंद को लेकर आगे बढ़े। इन दोनों के शानदार तालमेल के सामने जापानी रक्षापंक्ति की एक नहीं चली और गुरजंत ने सिमरनजीत के शॉट को गोल की तरफ मोड़कर स्कोर 2-0 कर दिया। लेकिन जापान चुप बैठने वाला नहीं था। उसने जवाबी हमला किया और भारतीय रक्षकों की गलती का फायदा उठाकर उसके स्टार स्ट्राइकर तनाका ने गोल दाग दिया। इसके बाद दोनों टीमों ने प्रयास किये।
दूसरे क्वार्टर में भारतीय रक्षापंक्ति कुछ ढीली दिखी, विशेषकर जवाबी हमलों में उसमें थोड़ा तालमेल का अभाव दिखा लेकिन सौभाग्य से जापान एक ही गोल कर पाया। आखिरी क्षणों में गोलकीपर पी आर श्रीजेश ने सुंदर बचाव करके भारत को मध्यांतर तक 2-1 से आगे रखा।
भारतीय रक्षकों ने तीसरे क्वार्टर के शुरू में जापान को बराबरी का मौका दे दिया। जापान के जवाबी हमले का भारतीयों के पास जवाब नहीं था और वतानबे ने गोल दाग दिया। भारत ने हालांकि जापान को उसी की रणनीति का कड़वा घूंट पिलाया जब जवाबी हमले में शमशेर सिंह ने नीलकांत शर्मा की मदद से गोल दागा।
वतानबे ने 38वें मिनट में फिर से बराबरी का गोल करने का प्रयास किया लेकिन उसे भारतीयों ने असफल कर दिया। भारत ने 42वें मिनट में पेनल्टी कार्नर हासिल किया लेकिन हरमनप्रीत का शॉट जापानी रक्षक की स्टिक से लगकर बाहर चला गया।
श्रीजेश ने 49वें मिनट में बेहतरीन बचाव करके अन्य रक्षकों की गलतियों पर पर्दा डाला। इसके बाद हरमनप्रीत ने जापानी सर्किल में मौजूद भारतीय फारवर्ड को गेंद बढ़ायी। नीलकांत और सुरेंदर कुमार ने अच्छा तालमेल दिखाया। नीलकांत गोल करके भारत की बढ़त मजबूत करने में सफल रहे।
भारत को 54वें मिनट में तीसरा पेनल्टी कार्नर मिला, लेकिन हरमनप्रीत का शॉट जापानी रक्षकों ने बचा दिया। इसके तुरंत बाद जापान को भी पहला पेनल्टी कार्नर मिला लेकिन श्रीजेश ने उसे उसका फायदा नहीं उठाने दिया।
भारत को 56वें मिनट में पेनल्टी कार्नर मिला। वरुण कुमार के बेहतरीन पास पर हरमनप्रीत ने शॉट लगाया और गुरजंत ने उसे गोल का रास्ता दिखाया। काजुमा मुराता ने तनाका की मदद से 59वें मिनट में जापान के लिये तीसरा गोल किया लेकिन इससे वह हार का अंतर ही कम कर पाये।