- बजरंग पुनिया ने टोक्यो ओलंपिक में कुश्ती में जीता कांस्य पदक
- पुनिया ने कजाकिस्तान के दौलत नियाजबेकोव को 8-0 से हराया
- यह भारत का कुश्ती में दूसरा और वर्तमान खेलों में कुल छठा पदक है
Bajrang Punia: भारतीय पहलवान बजरंग पुनिया ने टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीत लिया है। उन्होंने कजाकिस्तान के खिलाड़ी दौलत नियाजबेकोव को 8-0 से हरा दिया। इस जीत से बजरंग ने नियाजबेकोव से विश्व चैंपियनशिप 2019 के सेमीफाइनल में मिली हार का बदला भी चुकता कर दिया। पुनिया ने टोक्यो ओलंपिक में भारत को छठा पदक जिताया है। भारत ने इस तरह से एक ओलंपिक में सर्वाधिक पदक जीतने के अपने पिछले रिकार्ड की बराबरी की। इससे पहले रवि दहिया ने गुरुवार को 57 किग्रा में रजत पदक जीता था। सुशील कुमार और योगेश्वर दत्त ने 2012 के लंदन खेलों में एक रजत और एक कांस्य पदक जीता था।
हरियाणा सरकार बजरंग पुनिया को 2.5 करोड़ का इनाम देगी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा, 'हमारी नीति के अनुसार, हरियाणा सरकार टोक्यो में कांस्य पदक जीतने के लिए पहलवान बजरंग पुनिया को 2.5 करोड़ रुपए, एक सरकारी नौकरी और 50% रियायत पर भूमि का एक प्लॉट देगी। झज्जर में उनके पैतृक गांव खुदान में इंडोर स्टेडियम बनेगा।'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पुनिया को बधाई दी है। पीएम मोदी ने कहा है कि आप पर देश को गर्व है। मोदी ने ट्वीट किया, 'टोक्यो2020 से खुशखबरी! बजरंग पुनिया का शानदार मुकाबला हुआ। आपकी उपलब्धि के लिए आपको बधाई, जिससे हर भारतीय को गर्व और खुशी होती है।' बजरंग के पिता बलवान सिंह ने कहा, 'उसने मेरा सपना पूरा किया। यह मेरे लिए गोल्ड मेडल है। उसने मुझसे कहा कि वह खाली हाथ वापस नहीं आएगा।'
पीएम नरेंद्र मोदी ने बजरंग पुनिया से बात की और कांस्य पदक जीतने पर उन्हें बधाई दी। उन्होंने बजरंग के दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत की सराहना की जिसके कारण यह उपलब्धि हासिल हुई है।
कौन हैं बजरंग पुनिया?
बजरंग हरियाणा के झज्जर के रहने वाले हैं। 7 साल की उम्र से पिता से पहलवानी का हुनर सीखा। पुनिया रेलवे में टिकट चेकर का काम कर चुके हैं। 2013 में एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप में भाग लिया, 2013 विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीता। 2014 कॉमनवेल्थ खेलों में रजत पदक जीता, 2018 कॉमनवेल्थ खेलों में गोल्ड अपने नाम किया, 2018 एशियन गेम्स में एक बार फिर गोल्ड मेडल जीता, 2019 के वर्ल्ड चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता और 2019 में राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित हुए।