- टी64 क्लास की हाईजंप स्पर्धा में प्रवीण कुमार ने जीता रजत
- 18 वर्षीय प्रवीण कुमार ने कायम किया नया एशियाई रिकॉर्ड
- ब्रिटेन के जोनाथन ब्रूम एडवर्ड्स ने जीता स्पर्धा का गोल्ड
टोक्यो: भारतीय पैरा-एथलीट्स ने टोक्यो पैरालंपिक खेलों को भारत के लिए यादगार बना दिया है। भारत को शुक्रवार को मौजूदा खेलों में 11वां पदक प्रवीण कुमार ने टी64 वर्ग की ऊंची कूद स्पर्धा में दिलाया। उन्होंने 2.07 मीटर ऊंची छलांग लगाकर नया एशियाई रिकॉर्ड स्थापित किया और सिल्वर मेडल जीतने में सफल रहे।
11 पदक के साथ भारत टोक्यो पैरालंपिक खेलों में 36वें स्थान पर पहुंच गया है। इसमें 2 स्वर्ण, 6 रजत और 3 कांस्य पदक शामिल हैं। भारत का पैरालंपिक खेलों के इतिहास में यह अबतक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। भारत के पदकों की संख्या पहली बार 2 अंकों तक पहुंची है।
अठारह वर्षीय कुमार ने पैरालंपिक में पदार्पण करते हुए 2.07 मीटर की कूद से एशियाई रिकॉर्ड के साथ दूसरा स्थान हासिल किया। वह ब्रिटेन के जोनाथन ब्रूम एडवर्ड्स के पीछे रहे जिन्होंने 2.10 मीटर की कूद से सत्र का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक अपने नाम किया। कांस्य पदक रियो खेलों के चैम्पियन पोलैंड के मासिज लेपियाटो के हासिल किया जिन्होंने 2.04 मीटर की कूद लगायी।
टी64 क्लास में वो एथलीट हिस्सा लेते हैं जिनका पैर किसी वजह से काटना पड़ा हो और ये कृत्रिम पैर के साथ खड़े होकर प्रतिस्पर्धा करते हैं। कुमार टी44 क्लास के विकार में आते हैं लेकिन वह टी64 स्पर्धा में भी हिस्सा ले सकते हैं।
टी44 उन खिलाड़ियों के लिये है जिन्हें पैर का विकार हो, उनके पैर की लंबाई में अंतर हो, उनकी मांसपेशियों की क्षमता प्रभावित हो जिससे उनके पैर के मूवमेंट पर असर होता है। भारत का तोक्यो पैरालंपिक में प्रदर्शन सर्वश्रेष्ठ होने वाला है जिसमें देश ने अभी तक दो स्वर्ण, छह रजत और तीन कांस्य पदक जीत लिये हैं।