- HCIPL एक ब्रॉडबैंड सैटेलाइट नेटवर्क्स और सर्विस प्रोवाइडर है
- ये नया वेंचर भारत में सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सर्विस ऑफर करेगा
- जॉइंट वेंचर में Hughes की 67 फीसदी और सुनील मित्तल की अगुवाई वाले एयरटेल की 33 फीसदी हिस्सेदारी होगी
इंडियन टेलीकॉम प्रोवाइडर Airtel ने ह्यूजेस कम्युनिकेशंस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (HCIPL) के साथ एक जॉइंट वेंचर में एंट्री की है। HCIPL एक ब्रॉडबैंड सैटेलाइट नेटवर्क्स और सर्विस प्रोवाइडर है। ये नया वेंचर भारत में सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सर्विस ऑफर करेगा। सैटेलाइट इंटरनेट के जरिए दूरदराज के इलाकों में वायरलेस तरीके से हाई-स्पीड इंटरनेट पहुंचाया जा सकता है। इसमें वायर से नहीं बल्कि लेजर बीम के जरिए डेटा ट्रांसफर किया जाता है। फिलहाल भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस देने के लिए एलन मस्क की स्टारलिंक कंपनी सरकारी मंजूरी के इंतजार में है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस जॉइंट वेंचर में Hughes की 67 फीसदी और सुनील मित्तल की अगुवाई वाले एयरटेल की 33 फीसदी हिस्सेदारी होगी। इस एंटिटी को HCIPL के रूप में जाना जाएगा और ये दोनों कंपनियों के वेरी स्मॉल अपर्चर टर्मिनल (VSAT) बिजनेस को कंबाइन करेगा। इसके जरिए ये स्केलेबल एंटरप्राइज नेटवर्किंग सॉल्यूशन ऑफर कर सकेंगे। ये जानकारी कंपनी ने प्रेस रिलीज भेजकर दी है।
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क्या होता है VSAT टर्मिनल?
VSAT टर्मिनल एक टू-वे सैटेलाइट ग्राउंड स्टेशन होता है जिसका इस्तेमाल डेटा ट्रांसमिट और रिसीव करने के लिए किया जाता है। इसका इस्तेमाल इंडिविजुअल और एंटरप्राइज कस्टमर्स को सैटेलाइट बेस्ड इंटरनेट और टेलीकॉम एक्सेस देने के लिए होता है।
समझौते की घोषणा मई 2019 में की गई थी और आखिरकार इसे वैधानिक मंजूरी मिल गई, जिसमें नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल और डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकॉम के अप्रूवल शामिल हैं। HCIPL भारत का सबसे बड़ा सैटेलाइट सर्विस ऑपरेटर है। इस जॉइंट वेंचर के पास 2 लाख से ज्यादा VSATs का एक कंबाइंड बेस है। जो इसे देश का सबसे बड़ा सैटेलाइट सर्विस प्रोवाइडर बनाता है।
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आपको बता दें इस जॉइंट वेंचर की घोषणा एक ऐसे पर हुई है जब भारत में Elon Musk की सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस स्टारलिंक को बड़ा झटका लगा है। क्योंकि, कंपनी के कंट्री डायरेक्टर और बोर्ड चेयरमैन संजय भार्गव ने निजी कारणों का हवाला देते हुए पद से इस्तीफा दे दिया है।