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Mars- Venus Conjunction: चार साल बाद अद्भुत नजारा, मंगल और शुक्र का होने जा रहा है मिलन

Updated Jul 13, 2021 | 11:13 IST

खगोलीय घटनाएं अपने आप में अद्भुत होती हैं। मंगलवार को मंगल और शुक्र एक दूसरे के काफी करीब होंगे। मौसम साफ रहने पर इसे सूर्यास्त के करीब 45 मिनट बाद देखा जा सकता है।

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13 जुलाई को मंगल और शुक्र एक दूसरे के होंगे काफी करीब, खुली आंखों से होगा दीदार
मुख्य बातें
  • 2017 में मार्स और वीनस के मिलन को देखा गया
  • 13 जुलाई 2021 को सूरत अस्त होने के बाद मार्स और वीनस की करीबी देखा जा सकेगा।
  • मार्स और वीनस का अगला मिलन 2024 में

यूनिवर्स के बारे में अभी बहुत कुछ समझा जानी बाकी है। सूर्य ग्रहण, चंद्रग्रहण की खगोलीय घटना के बाद मंगलवार को सूरज अस्त होने के बाद पश्चिमी क्षितिज पर अद्भुत नजारा दिखाई देगा। दरअसर मंगल और शुक्र एक दूसरे के इतने करीब होंगे कि जैसे वो एक दूसरे का चुंबन ले रहे हों। मौसम साफ होने पर यह खगोलीय नजारा देश के हर हिस्से से दिखाई देगा। मंगल औक शुक्र के इस आपसी मिलन से धर्मशास्त्र के अनुसार राशियों पर असर पड़ता है। लेकिन खगोलविदों के लिए यह सिर्फ खगोलीय घटना होती है। 

सूरज अस्त होने के बाद मंगल- शुक्र के मिलन का नजारा
मंगल और वीनस की करीबी को 13 जुलाई को सूरज अस्त होने के करीब 45 मिनट बाद देखा जा सकेगा, हालांकि इसके लिए साफ आसमान का होना जरूरी है, इसका अर्थ यह है कि आसमां पर बादलों का डेरा ना हो। पश्चिम क्षितिज पर दोनों ग्रह 16 डिग्री पर होंगे और धीरे धीरे आंखों से ओझल हो जाएंगे। खगोलीय घटना के प्रशसंक वीनस को मार्स से थोड़ा पहले देखेंगे। इन दोनों ग्रहों के करीब आने से पहले सोमवार को चांद इन दोनों के करीब से गुजरा था। 

मार्स और वीनस का अगला मिलन 22 फरवरी 2024 को
वीनस और मार्स के मिलन के इस नजारे के बाद अगला मिलन अब 22 फरवरी 2024 को दिखाई देगा। इससे पहले 24 अगस्त 2019 को वीनस और मार्स एक दूसरे के करीब आए थे। लेकिन उस वक्त सूर्य से इनका झुकान महज 3 डिग्री का था लिहाजा खगोलीय मामलों में रुचि रखने वाले उस समय दीदार नहीं कर सके। इससे पहले 2017 में वीनस और मार्स की करीबी को देखा गया था। इस दफा के मिलन को भारत के किसी भी हिस्से से देखा जा सकता है बशर्ते मौसम साफ हो।


17 जुलाई को प्लूटो भी दिखेगा
मंगल और वीनस के इस करीबी के बाद खगोलविद् टेलीस्कोप के जरिए प्लूटो को 17 जुलाई को दीदार कर सकते हैं। इसका मतलब यह है कि पृथ्वी, प्लूटो और सूरज के बीच में होगी। इस समय प्लूटो, पृथ्वी के करीब होगा। अगर बात दिल्ली की करें तो रात में 9.27 बजे से लेकर तड़के 3.38 मिनट तक प्लूटो को देखा जा सके लेकिन मौसम का साफ होना जरूरी है।