- चीन में प्राचीन खोपड़ी के जीवाश्म के अध्ययन के बाद वैज्ञानिकों का कहना है कि ये नई प्रजाति के मानव की हो सकती है
- शोधकर्ताओं के अनुसार, इंसानों की यह प्रजाति संभवत: लगभग एक लाख 46 हजार साल पहले पूर्वी एशिया में रहती थी
- अब तक के अध्ययन के आधार पर रिसर्चर्स का कहना है कि ये 'ड्रैगन मैन' बेहद ताकतवर और आक्रामक रहे होंगे
बीजिंग : चीन में खोज के दौरान रिसर्चर्स को एक प्राचीन खोपड़ी के जीवाश्म मिले हैं, जिसके आधार पर कहा जा रहा जा रहा है कि यह प्राचीन काल की एक नई प्रजाति के मानव की हो सकती है। इसे 'ड्रैगन मैन' कहा जा रहा है। रिसर्च के आधार पर शोधकर्ताओं का कहना है कि इंसानों की यह प्रजाति संभवत: लगभग एक लाख 46 हजार साल पहले पूर्वी एशिया में रहती थी।
यह खोज उत्तर पूर्वी चीन के हार्बिन क्षेत्र में 1933 में हुई थी, जब कुछ मजदूर हेलोंगजियांग प्रांत में सोंगुआ नदी पर पुल बना रहे थे। इसे काले ड्रैगन की नदी भी कहा जाता है। बताया जाता है कि यह शहर उस वक्त जापान के कब्जे में था और एक चीनी मजदूर ने इसके सांस्कृतिक महत्व को समझते हुए इसे अपने घर में छिपा लिया था, ताकि इस पर जापानियों की नजर न पड़े।
वैज्ञानिकों ने दिया होमो लोंगी नाम
ऐतिहासिक तथ्यों के मुताबिक, उस शख्स ने अपनी मृत्यु से पहले अपने घर के सदस्यों को इस बारे में बताया था, जिसके बाद इसे वैज्ञानिकों को सौंप दिया गया। वैज्ञानिकों ने अब इस जीवाश्म पर शोध कर कहा है कि ये इंसानों की एक अलग और सबसे प्राचीन प्रजाति हो सकती है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, ये अभी तक पहचाने गए हमारे सबसे करीब वंशजों जैसे- नियेंडरथल या होमो इरेक्टस की तुलना में और करीब हो सकते हैं।
रिसर्चर्स का कहना है कि यह इंसानों की उस प्रजाति से जुड़ा हो सकता है, जो होमो सेपियंस से अलग थी। संभव है कि यह धरती पर हजारों वर्षों तक रही हो और फिर विलुप्त हो गई। उनका मानना है कि चीन में हुई इस खोज से मानव विकास के क्रम को समझने में नए सिरे से मदद मिल सकती है। शोधकर्ताओं ने इसे 'होमो लोंगी' नाम दिया है, जिसे चीनी भाषा में 'ड्रैगन मैन' कहा जा रहा है।
ताकतवर और आक्रामक रहे होंगे ड्रैगन मैन
अब तक के अध्ययन के आधार पर शोधकर्ताओं का मानना है कि ये 'ड्रैगन मैन' बेहद ताकतवर और आक्रामक रहे होंगे। कंप्यूटर और आर्टिस्ट की मदद से ड्रैगन मैन की जो एक अनुमानित छवि बनाई गई है, उसके मुताबिक इस प्राचीन प्रजाति के मानव की खोपड़ी मौजूदा समस में इंसान की खोपड़ी से थोड़ी बड़ी रही होगी। आंखों के गड्ढे भी सामान्य से थोड़े बड़े और आंख का हिस्सा लगभग चौकोर रहा होगा। उनके भौं के ऊपर की हड्डी थोड़ी उभरी हुई रही होगी, जबकि इनके मुंह चौड़े रहे होंगे और दांत बड़े-बड़े।