- गूगल ने जांच के बाद किया बड़ा खुलासा, सबसे जुड़ा मामला है
- हैक हो रही हैं जरूरी सेवाएं, किराए की कंपनियां कर रही हैं काम
- कोरोना काल में ऑनलाइन धोखाधड़ी का ग्राफ तेजी से बढ़ा है
नई दिल्ली: इन दिनों अधिकतर देशों में लोग कोरोना वायरस महामारी से परेशान हैं। कोई देश लॉकडाउन से निकलने का प्रयास कर रहा है तो कई देश अभी भी लॉकडाउन से गुजर रहे हैं। ऐसी अजीब स्थितियों के बीच अब ऑनलाइन व इंटरनेट की दुनिया से भी एक ऐसी खबर आई जो सभी के लिए चेतावनी है। गूगल ने नई रिपोर्ट में अपने एक ताजा खुलासे से चौंकाया है और खासतौर पर भारत में रहने वाले लोगों को। क्या है पूरा मामला, आइए जानते हैं।
गूगल की रिपोर्ट
गूगल की एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार, साइबर अपराध करने वाली हैक-फॉर-हायर कंपनियां कोरोना वायरस महामारी के दौरान अमेरिका, ब्रिटेन और बहरीन समेत कई देशों में वित्तीय सेवाओं, परामर्श तथा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा क्षेत्र के पेशेवरों को निशाना बना रही हैं और उनको किसी ना किसी तरह से नुकसान पहुंचाने का प्रयास हो रहा है। ऐसे में अगर आप इन सेवाओं से पेशेवर रूप से जुड़े हों तो ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है और अगर आप इनसे सेवाएं लेते हैं, तब भी सावधानियों की जरूरत हमेशा की तरह ही हैं।
भारत में कंपनियों की भरमार, WHO पर निशाना
इस रिपोर्ट के मुताबिक ऐसी हैक-फॉर-हायर कंपनियों में से कई भारत में स्थित हैं। ये कंपनियां विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की छवि को खराब करने वाले खाते बना रही हैं। गूगल ने कहा कि कोरोना वायरस से संबंधित कई साइबर हमलों की पहचान की गयी है। उसने इस तरह के एक हमले के उदाहरण का हवाला देते हुए कहा, हमने 'हैक-फॉर-हायर' कंपनियों की नयी गतिविधि देखी है, जिनमें से कई कंपनियां भारत में स्थित हैं। ये इस तरह के जीमेल खाते बना रही हैं, जिसे देखकर लगता है कि वे खाते डब्ल्यूएचओ के हैं।’
कई देशों में दिखे हैं मामले
गूगल ने हाल ही में एक ब्लॉग पोस्ट में कहा, 'बड़े पैमाने पर अमेरिका, स्लोवेनिया, कनाडा, भारत, बहरीन, साइप्रस और ब्रिटेन सहित कई देशों के भीतर वित्तीय सेवाओं, परामर्श, और स्वास्थ्य निगमों में कारोबारियों को निशाना बनाया गया है।' कयास ये भी लगाए गए हैं कि पहले से तंग स्थिति में पहुंच चुकी तमाम देशों की अर्थव्यवस्था पर वार करने की ये साजिश हो सकती है।
क्या करें, क्या ना करें
जब ये धोखाधड़ी वैश्विक स्तर पर हो रही हो और इन हैकर्स का जाल हर जगह फैला हो। ऐसे में जिस तरह आप कोरोना वायरस से मास्क लगाकर अपनी रक्षा कर रहे हैं, उसी तरह आपको अपने ऑनलाइन अकाउंट, फोन या कंप्यूटर की रक्षा भी करनी होगी ताकि हैकर धोखाधड़ी ना कर सकें। वित्त व स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े लोग तो इसका ध्यान रखें ही, लेकिन अन्य लोग भी सतर्क रहें। ये हैं कुछ खास बातें जिनका आपको ध्यान रखने की जरूरत है।
- पब्लिक वाई-फाई पर नेट चलाते समय अपने पर्सनल और आर्थिक डाटा को खोलने या कोई लेनदेन करने से बचें।
- आप उन्हीं App को अपने मोबाइल पर सेव करें जो आधिकारिक रूप से पुष्ट किए जा चुके हों और इनको सुरक्षित जगह से ही डाउनलोड करें।
- अपने फोन या कंप्यूटर का पासवर्ड कठिन रखें, समय-समय पर इसको बदलते रहें, यही चीज आप अपने बैंक खाते के पासवर्ड के साथ करें।
- जैसा कि गूगल की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि WHO की छवि खराब करते हुए आपको ठगने का प्रयास हो सकता है, इसलिए किसी ऐसे मेल को खोलकर कोई लिंक क्लिक ना करें जिसमें WHO आपसे कोई पर्सनल जानकारी मांग रहा हो या फिर किसी भी कंपनी की तरफ से कोई मेल जो आपसे आपकी निजी जानकारियां मांग रही हो।
- अपने फोन पर एंटी वायरस रखने के साथ-साथ ऑटोमैटिक इरेस या लॉक वाला विकल्प चुनकर रखें जिससे अगर बार-बार आपके पासवर्ड के साथ छेड़छाड़ की कोशिश हो तो फोन बंद हो जाए या सब कुछ हटा दे।
- अपने कंप्यूटर या खासतौर पर फोन में कभी भी उन सेवाओं को हर समय ऑन रखने से बचें जिनका आपको हर समय काम ना हो। जैसे जीपीएस या फिर जियो ट्रैकिंग जैसी चीजें। डिजिटल पेमेंट Apps को समय-समय पर लॉग आउट करके नए पासवर्ड के साथ लॉग-इन करते रहें।
ऑनलाइन फ्रॉड या हैकिंग कोई नई चीज नहीं है लेकिन अगर गूगल जैसी कंपनी इसकी चेतावनी दे रही है तो मतलब मामला गंभीर है और महामारी के दौर में जब आर्थिक गतिविधियों को दोबारा शुरू करने का प्रयास होगा तब ये हैकर्स आपकी जानकारियों का गलत फायदा ना उठा सकें इसको सुनिश्चित करना होगा।