- हैकर्स सबसे पहले टारगेट डिवाइस पर एक सिंपल मैसेज भेजते हैं
- इसके बाद मैलवेयर को टारगेट डिवाइस पर इंस्टॉल किया जाता है
- Zoom ने इस बग की जानकारी लेते हुए इसका अपडेट जारी कर दिया है
अगर आप भी उनमें से हैं जो अपनी वीडियो मीटिंग्स और वर्चुअल कन्वर्सेशन्स के लिए Zoom ऐप का इस्तेमाल करने तो आपके लिए ये खबर काफी जरूरी है। आपको तुरंत अपने ऐप को अपडेट करना होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि प्लेटफॉर्म की सिक्योरिटी में आई एक खामी का फायदा उठाकर हैकर्स कम्प्यूटर्स, एंड्रॉयड डिवाइसेज और iOS डिवाइसेज पर मैलवेयर इंस्टॉल कर रहे हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, हैकर्स सबसे पहले टारगेट डिवाइस पर एक सिंपल मैसेज भेजते हैं और इसके बाद मैलवेयर को टारगेट डिवाइस पर इंस्टॉल किया जाता है। Zoom ने इस बग की जानकारी लेते हुए इसका अपडेट जारी कर दिया है।
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रिपोर्ट्स के अनुसार, मीटिंग्स के लिए Zoom Client (Android, iOS, Linux, macOS और Windows के लिए) 5.10.0 से पहले का वर्जन सर्वर स्विच रिक्वेस्ट के दौरान होस्टनेम को अच्छी तरह से वैलिडेट नहीं कर पाता। इस खामी का साइबर अपराधी गलत तरह से इस्तेमाल कर सकते हैं।
इस बग की खोज Google के प्रोजेक्ट ज़ीरो बग हंटर इवान फ्रैट्रिक ने की थी। इन्होंने फरवरी में ज़ूम को इस बारे में जानकारी दे दी थी। Fratric ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा है कि इस बग के चलते एक अटैकर को केवल XMPP प्रोटोकॉल पर ज़ूम चैट पर विक्टिम को मैसेज भेजने में सक्षम होने की आवश्यकता होती है।
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इस मैसेज को इस खास तरीके से डिजाइन किया जाता है कि वे भोलेभाले यूजर्स को टारगेट कर सकें और उनके डिवाइस में खतरनाक कोड्स ऐड कर सकें। सबसे खतरनाक बात ये है कि अगर यूजर्स इस मैसेज से इंटरैक्ट ना भी करें तब भी कम्प्यूटर या फोन पर वायरस को इंजेक्ट किया जा सकता है।