- भारत सहित पूरी दुनिया में कोरोना महामारी के कारण डेढ़ लाख से भी ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है
- भविष्य में इसके खतरे से बचने के लिए कई तरह के ट्रैकर एप भी लॉन्च किए गए हैं
- ये एप्स आपके आस-पास कोरोना के खतरे को भांप को आपको पहले ही अलर्ट कर देते हैं
कोरोना वायरस के कारण पूरी दुनिया में कहर मचा हुआ है। भारत सहित पूरी दुनिया में इस महामारी के कारण डेढ़ लाख से भी ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है भारत में इस बीमारी के कारण 600 से भी ज्यादा मौत अब चक हो चुकी है जबकि इसके मामले 18000 कौो पार कर गए हैं। तेजी से बढ़ रहे कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए दुनियाभर की सरकारें सख्त कदम उठा रही हैं। इसी कड़ी में लगभग सभी देशों में लॉकडाउन कर दिया गया है तकि लोग अपने घरों से बाहर ना निकलें।
भविष्य में इसके खतरे से बचने के लिए कई तरह के ट्रैकर एप भी लॉन्च किए गए हैं जो आपके आस-पास कोरोना के खतरे को भांप को आपको पहले ही अलर्ट कर देते हैं। इन एप्स से फायदा ये होता है कि आप पहले से उस परिस्थिति से अलर्ट हो जाते हैं और आप अपने आप का बचाव कर लेते हैं। संक्रमित व्यक्ति के बारे में आपको पहले से जानकारी मिल जाती है जिसके बारे में आप प्रशासन को रिपोर्ट भी कर सकते हैं।
भारत सरकार ने इसके लिए आरोग्य सेतु नाम का एक ट्रैकर एप लॉन्च किया है। वहीं सिंगापुर क सरकार ने ट्रेसटुगेदर नाम का एप तैयार किया है जबकि इरान ने शील्ड नाम का ट्रैकर एप तैयार किया है। इस प्रकार से देखा जाए तो मोबाइल फोन भी कोरोना वायरस के खिलाफ इस वैश्विक लड़ाई में भरपूर योगदान दे रहा है। आरोग्य सेतु की बात की जाए तो यह ब्लूटूथ और जीपीएस लोकेशन के माध्यम से पता लगा लेता है कि आपके पास में कोई कोरोना पॉजीटिव मरीज है।
कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग
इस एप की मदद से सरकार को कोरोना वायरस के मरीजों का आंकड़ा पता चल रहा है जो एक बड़ा योगदान है। दुनियाभर के लोग मोबाइल फोन टेक्नोलॉजी के जरिए इस तरह के एप का निर्माण कर रहे हैं जिससे यूजर कोरोना वायरस के मरीजों का पता लगा सकता है। इसे कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग कहते हैं। बता दें कि इससे पहले भी सिंगापुर में डेंगू, अफ्रीका में इबोला के संक्रमण के दौरान वैज्ञानिकों ने ट्रैकिंग की मदद से मरीजों की संख्या का पता लगाया था।
दो बड़ी टेक कंपनियां बना रही ये एप
कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए ही बड़ी मोबाइल टेक कंपनियां Alphabet Inc’s Google (GOOGL.O) और Apple Inc (AAPL.O) ने साथ आने का फैसला करते हुए कहा है कि वे एक एप का निर्माण कर रहे हैं जिससे ये पता लगाया जाएगा कि कोई व्यक्ति किसी कोरोना संक्रमित मरीज के रास्ते से होकर गुजरा है। उनका पता लगने पर उन्हें आइसोलेट या फिर क्वारंटाइन किया जा सकता है। इससं संक्रमण का खतरा कम होगा।
मोबाइल फोन किस तरह करता है काम
इसमें इस्तेमाल होने वाले टावर सिग्नल, वाई-फाई टेक्नोलॉजी और सैटेलाइट जीपीएस यूजर का लोकेशन ट्रैक करते हैं। ये डेटा लॉकडाउन में बाहर घूम रहे लोगों के बारे में बताता है। इसके बाद उनके कॉन्टैक्ट ट्रेस किए जाते हैं साथ ही उनका सर्वे किया जाता है और खतरे का अनुमान लगाया जाता है।